पोहा; नाश्ते की टेबल से पहुंचा राजनीति के गलियारों में, अब AAP करेगी इस्तेमाल
By भाषा | Published: April 15, 2018 01:48 PM2018-04-15T13:48:51+5:302018-04-15T13:48:51+5:30
13 अप्रैल से मंदसौर जिले की पिपलिया मंडी से प्रदेश भर में 'किसान बचाओ, बदलाव लाओ' यात्रा के दौरान विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में पोहा चौपाल लगाने का कार्यक्रम है।
नई दिल्ली, 15 अप्रैल: पिछले लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रम की तर्ज पर आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पोहा चौपाल लगाने जा रही है, जिसमें पार्टी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और आम लोगों से मुलाकात, चर्चा कर अपना चुनाव घोषणा पत्र तैयार करेगी।
दिल्ली में दो दफा सरकार बना चुकी और उत्तर के राज्यों में भाजपा, कांग्रेस के बाद तीसरा विकल्प बनने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा, 'मुझे पोहा चौपाल का विचार इसलिये आया क्योंकि मध्यप्रदेश में दिन की शुरूआत में नाश्ते में यह व्यंजन बहुत लोकप्रिय है। पिछले वर्ष 10,000 किलोमीटर की किसान बचाओ यात्रा के दौरान मैंने देखा कि प्रदेश के सभी इलाकों में पोहा आसानी से मिलता है और अमीर व गरीब दोनों तबकों में समान रूप से लोकप्रिय भी है।' पोहा मध्यप्रदेश में सुबह के नाश्ते में एक खास व्यंजन है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में इसे पोहा-ऊसल, पोहा-दही, पोहा-चाय और पोहा-जलेबी के अलग-अलग जायकों में खाया जाता है।
अग्रवाल ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मिशन-2018की तैयारियों में जोश खरोश के साथ जुट गयी है। पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।' उन्होंने बताया, '13 अप्रैल से मंदसौर जिले की पिपलिया मंडी से प्रदेश भर में किसान बचाओ, बदलाव लाओ यात्रा के दौरान विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में पोहा चौपाल लगाने का कार्यक्रम है। इसमें डॉक्टर, शिक्षक, समाजसेवी और आम लोगों से मुलाकात कर विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का घोषणा पत्र बनाया जायेगा। यात्रा 14 मई तक चलेगी।'
अग्रवाल ने दावा किया कि दिल्ली में आप ने तमाम विरोधाभासों के बावजूद भाजपा और कांग्रेस से इतर एक बेहतर,जनकल्याणकारी सरकार दी है। मध्यप्रदेश में जनता भाजपा के पिछले 14 वर्षो के कार्यकाल में त्रस्त हो चुकी है, उसे कांग्रेस से भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है इसलिये आप को जनता के सामने स्वयं को एक विकल्प के तौर पर पेश करना है और पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव का सामना करना है।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार सभी मोर्चो पर फेल हो चुकी है और वास्तव में प्रदेश का किसान वर्तमान भाजपा सरकार से बेहद नाराज है और इसे उखाड़ फेंकना चाहता है।
उन्होंने कहा कि आप ने विधानसभा चुनाव की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू कर दी है और जुलाई तक पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लेगी। अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में जारी 'किसान बचाओ, बदलाव लाओ' यात्रा के दौरान प्रदेश के सभी 42 हजार मतदान केंद्रों पर मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के समापन के बाद 14 मई को सभी मतदान केंद्रों के प्रतिनिधि भोपाल में अपनी समस्याओं के साथ पहुंचेंगे। इसके बाद मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश, आप संयोजक ने बताया कि प्रदेश में उम्मीदवार चयन में तीन सी का फार्मूला तय किया गया है। इसके तहत क्राइम, करप्शन और कैरेक्टर जैसे पहलुओं पर गौर किया जाएगा। यानी प्रत्याशी के खिलाफ कोई क्रिमिनल केस न हो, उस पर कोई करप्शन यानी घोटाले का आरोप न हो और उसके कैरेक्टर यानी चरित्र पर कोई दाग न हो।