कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में भाजपा विधायक देवेन्द्र नाथ रे का शव सोमवार को उनके घर के पास संदिग्ध हालात में मिले, जिसके बाद से पूरे प्रदेशभर में बवाल मचा हुआ है। बीजेपी पश्चिम बंगाल ने हत्या का इल्जाम सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है। इसी बीच आज बीजेपी में उत्तरी बंगाल के कई जिलों में 12 घंटे 'बंद' का ऐलान किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सिलीगुड़ी और रायगंज की लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं। जिलों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। वहीं, मृतक विधायक के परिवार और भाजपा ने उनकी “हत्या” होने का दावा करते हुए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने कहा कि देबेंद्र नाथ रे का शव जिले के हेमताबाद इलाके के बिंदल गांव में उनके घर के निकट एक दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटकता मिला। उनकी उम्र करीब 65 साल थी।
बता दें कि रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने माकपा से विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था। उनके परिवार और प्रदेश भाजपा इकाई ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उनकी शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिये दो लोगों पर आरोप लगाया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है यद्यपि इस संबंध में आदेश सार्वजनिक किया जाना बाकी है। भाजपा नेता के परिवार ने मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए हत्या की आशंका जतायी है। परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह हत्या है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।’’ रे की मौत का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है और भाजपा ने इसे ‘‘टीएमसी के गुंडों’’ द्वारा हत्या करार देते हुए उत्तरी दिनाजपुर जिले में मंगलवार सुबह छह बजे से 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता सरकार पर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस घटना को एक “संदिग्ध जघन्य हत्या” करार दिया और आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में “गुंडाराज और कानून-व्यवस्था की मशीनरी की विफलता” को दर्शाता है। उन्होंने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में हेमताबाद से भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध जघन्य हत्या बेहद स्तब्धकारी और निंदनीय है। यह ममता सरकार में गुंडाराज तथा कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है। लोग भविष्य में इस सरकार को माफ नहीं करेंगे। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
सत्ताधारी टीएमसी द्वारा अक्सर “राजभवन में भाजपा के एजेंट होने” का आरोप झेलने वाले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध राज्य में निरंतर जारी है। उन्होंने ट्वीट किया, “राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध ममता बनर्जी के शासन में कम होता नजर नहीं आ रहा है। उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद से विधायक देबेंद्र नाथ रे की मौत, हत्या समेत कई गंभीर आरोप उठाती है। सच को सामने लाने और राजनीतिक हिंसा को कमजोर करने के लिये व्यापक निष्पक्ष जांच की जरूरत है।”
सीबीआई जांच की मांग
भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि गृह मंत्रालय का प्रभार भी अपने पास रखने वाली ममता बनर्जी को इस “सोची-समझी हत्या” पर बयान जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गई जघन्य हत्या है। तृणमूल रे की इलाके में लोकप्रियता को लेकर परेशान थी। हम सच सामने लाने के लिए मामले में स्वतंत्र जांच चाहते हैं। आप राज्य की कानून एवं व्यवस्था अच्छी तरह समझ सकते हैं, जब विधायक ही सुरक्षति नहीं है।’’
घोष के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने धनखड़ से मुलाकात कर घटना की सीबीआई जांच के लिए उनसे दखल देने का अनुरोध किया। मुलाकात के बाद राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट किया, “भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीफ घोष, राहुल सिन्हा और अन्य ने मुझसे मुलाकात की और हेमताबाद से विधायक देबेंद्र नाथ रे की राजनीतिक हत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग की।
जानिए घटना पर पुलिस ने क्या कहा
प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करने और उनसे धन उगाहने के लिये पुलिस अधिकारियों की सुपारी पोस्टिंग पर भी चिंता जाहिर की।” पुलिस ने हालांकि जोर दिया कि प्रथमदृष्टया रे की मौत खुदकुशी का मामला लग रही है। राज्य पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, “आज सुबह हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे का शव उत्तरी दिनाजपुर के रायगंज में देबेन मोड़ के बलिया में एक मोबाइल दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटकता मिला। मृतक के शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें मौत के लिये दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है।” इसमें कहा गया कि खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है और फोरेंसिक विशेषज्ञ भी काम में जुटे हैं।
पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “लोगों से अनुरोध है कि कयास के आधार पर पक्षपातपूर्ण और निर्णायक नतीजों पर न पहुंचें और जांच पूरी होने का इंतजार करें।” टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि राज्य पुलिस और सीआईडी मामले की जांच में सक्षम हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कनाईलाल अग्रवाल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस रे की मौत के कारणों का पता लगाएगी। अग्रवाल ने कहा, ‘‘ पुलिस ही उनकी (रे की) मौत के कारण का पता लगाएगी। उन्होंने आत्महत्या की या कोई और वजह है....इसे कानून तय करेगा। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’
पुलिस के बयान के बावजूद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ यह निंदनीय एवं कायरतापूर्ण कृत्य है, यह आज राज्य की स्थिति बन गई है। हेमताबाद विधायक दीबेन्द्र नाथ रे की हत्या की गई है। उनका शव लटका मिला। क्या भाजपा में शामिल होना उनका अपराध था?’’ भाजपा ने रे की हत्या के विरोध में कोलकाता में रैली निकालकर सीबीआई जांच की मांग की।
(समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट)