मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, बसपा में बड़ा बदलाव, जानिए वजह
By भाषा | Published: February 22, 2020 05:46 PM2020-02-22T17:46:13+5:302020-02-22T17:46:13+5:30
मायावती ने बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई के नेताओं की शनिवार को यहां आहूत बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे की समीक्षा की। पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने गौतम और अपने भतीजे आनंद की निगरानी में उत्तर प्रदेश की जिला और ब्लॉक स्तरीय इकाईयों का गठन करने को कहा है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों की भंग चल रही प्रदेश इकाईयों के गठन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
इस कार्य की निगरानी का जिम्मा दो वरिष्ठ नेताओं आकाश आनंद और रामजी गौतम को सौंपा गया है। मायावती ने बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई के नेताओं की शनिवार को यहां आहूत बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने सभी राज्यों की भंग चल रही प्रदेश इकाईयों के गठन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने गौतम और अपने भतीजे आनंद की निगरानी में उत्तर प्रदेश की जिला और ब्लॉक स्तरीय इकाईयों का गठन करने को कहा है।
बैठक में माजूद बसपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को जिला एवं ब्लॉक इकाईयों में पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को उपयुक्त जगह देकर पार्टी के आंदोलन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने को कहा है। उन्होंने गौतम और आनंद को अन्य राज्यों की भंग चल रही प्रदेश इकाईयों के गठन की प्रक्रिया भी यथाशीघ्र पूरी करने को कहा।
बैठक में पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के अलावा उत्तर प्रदेश के सभी बसपा सांसद और विधायक भी मौजूद थे। बसपा के एक नेता ने बताया कि मायावती ने पार्टी नेताओं को हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत का जिक्र करते हुये कहा कि आप ने बसपा के मिशन के रास्ते पर चल कर ही चुनाव में जीत हासिल की है।
उन्होंने इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बसपा के आंदोलन को मजबूत करने का पार्टी नेताओं को निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर पार्टी नेताओं से प्रतिरोध जारी रखने की जरूरत पर बल दिया।
साथ ही मायावती ने पार्टी नेताओं से पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने के लिये भी कहा कि वे अपना प्रतिरोध जारी रखें, लेकिन कानून हाथ में लेकर नहीं।