Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव को याद किया, कहा-‘एक नाजुक दौर’ में देश का नेतृत्व किया, सभी को गर्व

By भाषा | Published: June 28, 2020 04:35 PM2020-06-28T16:35:30+5:302020-06-28T16:35:30+5:30

हम, सब-मिलकर आगे बढ़ेंगे, और आने वाले दिन और भी सकारात्मक होंगे, जैसा कि, मैंने, आज शुरू में कहा, हम, इसी साल यानि 2020 में ही बेहतर करेंगे, आगे बढ़ेंगे और देश भी नई ऊंचाइयों को छुएगा।

Mann Ki Baat PM Modi remembered Narasimha Rao led country delicate period proud all | Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव को याद किया, कहा-‘एक नाजुक दौर’ में देश का नेतृत्व किया, सभी को गर्व

प्रधानमंत्री ने राव को देश के सबसे अनुभवी नेताओं में एक बताया और कहा कि वे भारतीय मूल्यों में रचे बसे थे। (file photo)

Highlightsप्रधानमंत्री ने राव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और जनता से उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने का प्रयास करने की अपील की। देश आज अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया।जब हम नरसिम्हा राव के बारे में बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से राजनेता के रूप में उनकी छवि हमारे सामने उभरती है।

नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को उनके जन्म-शताब्दी वर्ष में याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने वाले इस ‘‘राजनेता’’ ने ‘‘एक नाजुक दौर’’ में देश का नेतृत्व किया।

आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ की 13वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने राव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और जनता से उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने का प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘देश आज अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया। जब हम नरसिम्हा राव के बारे में बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से राजनेता के रूप में उनकी छवि हमारे सामने उभरती है।’’

प्रधानमंत्री ने राव को देश के सबसे अनुभवी नेताओं में एक बताया

प्रधानमंत्री ने राव को देश के सबसे अनुभवी नेताओं में एक बताया और कहा कि वे भारतीय मूल्यों में रचे बसे थे। उन्होंने कहा कि राव अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे और जब हैदराबाद के निजाम ने ‘वन्दे मातरम्’ गाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था तब उनके ख़िलाफ़ आंदोलन में राव ने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उस समय, उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी | छोटी उम्र से ही नरसिम्हा राव अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठाने में आगे थे। अपनी आवाज बुलंद करने में वह कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते थे।’’ बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से उठकर देश की बागडोर संभालने वाले राव के सफर को याद करते हुए मोदी ने आग्रह किया कि उनके जन्म-शताब्दी वर्ष में लोगों को उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने का प्रयास करना चाहिए। राव का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के करीमनगर में 28 जून 1921 को हुआ था। साल 1991 से लेकर 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे राव का 23 दिसंबर 2004 को निधन हो गया।

उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने नरसिंह राव को श्रद्धांजलि दी

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवगंत पी वी नरसिंह राव को उनकी जयंती पर रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि राव ने कठिन समय में देश का नेतृत्व किया था। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक ‘‘मन की बात’’ रेडियो संबोधन में कहा कि 28 जून को राव की जयंती मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने ‘‘कठिन समय में’’ देश का नेतृत्व किया। राव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक देश के प्रधानमंत्री थे।

मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों में उनकी गहरी आस्था थी और पश्चिमी साहित्य तथा विज्ञान की भी उन्हें जानकारी थी।’’ उन्होंने कहा कि राव भारत के सर्वाधिक अनुभवी नेताओं में शामिल थे। उन्होंने किशोरावस्था में स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। हैदराबाद के निजाम ने जब ‘‘वंदे मातरम’’ गाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने निजाम के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। मोदी ने कहा कि राव ने युवावस्था से ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत साधारण पृष्ठभूमि से उनका आना, शिक्षा पर उनका जोर देना, सीखने की उनकी इच्छा और इन सब गुणों के साथ उनके नेतृत्व की क्षमता यादगार है।’’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे राव के बारे में अधिक से अधिक जानें।

उपराष्ट्रपति नायडू ने राव को आर्थिक सुधारों का प्रणेता बताया ‘‘जिससे भारत आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ा।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘पीवी’’ दक्ष प्रशासक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वह विद्वान, लेखक और बहुभाषी व्यक्ति थे। नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘उन्होंने मातृ भाषा को कॉलेज स्तर तक पढ़ाई के माध्यम के रूप में प्रोत्साहन दिया। देश के विकास में अमूल्य योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’’ 

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