भोपालः महाराष्ट्र द्वारा मध्य प्रदेश को आक्सीजन की सप्लाई रोके जाने के बाद मध्य प्रदेश में तमाम शहरों में कोरोना मरीजों के सामने आक्सीजन का संकट पैदा हो गया है.
मध्य प्रदेश में इस समय कोरोना के लगभग 18 हजार एक्टिव मामले हैं, इनमें से लगभग 20 फीसदी आक्सीजन पर रखकर उनका उपचार किया जा रहा है. राज्य में उत्पन्न आक्सीजन संकट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत की.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा कि ऐसे संकट के समय आक्सीजन की सप्लाई नहीं रोकी जानी चाहिए. इस पर आश्वस्त किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की.
इस बैठक में चौहान ने बताया कि आज मैंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है और उनसे आग्रह किया है कि ऐसे संकट के समय आक्सीजन की सप्लाई नही रोकनी चाहिए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यथा उचित कोशिश करेंगे कि अक्सीजन की सप्लाई न रुके.
हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है. आपने बैठक में बताया कि प्रारंभ मे एमपी मे आक्सीजन की उपलब्धता केवल 50 टन थी, जिसे बढ़ा कर 120 टन तक कर लिया गया है. 30 सितंबर तक 150 टन तक आक्सीजन की व्यवस्था कर लेंगे.
मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र से पिछले दिनों तक 20 टन आक्सीजन मिलती थी. महाराष्ट्र की आईनाक्स कंपनी 20 टन आक्सीजन नागपुर से सप्लाई करती थी. अब वही कंपनी गुजरात और उत्तरप्रदेश से मध्य प्रदेश को 20 टन आक्सीजन की सप्लाई करेगी. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में बताया हमारे यहां आक्सीजन के जो छोटे छोटे प्लांट है उनकी क्षमता भी केवल 50-60 टन थी, हमने उनसे आग्रह किया है कि वो फुल कैपिसिटी पर अपना प्लांट चलाएं. मुख्यमंत्री चौहान ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि मैं प्रदेश की जनता को आश्वस्थ करता हूं कि आक्सीजन की कमी प्रदेश में नही होने पाएगी.