Maharashtra ki khabar: आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर भिड़े फड़नवीस और पवार, भाजपा नेता बोले- एमवीए सरकार भी कुछ करे
By भाषा | Published: May 19, 2020 06:58 PM2020-05-19T18:58:38+5:302020-05-19T18:58:38+5:30
आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को लेकर भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फड़नवीस और राकांपा प्रमुख शरद पवार में ठन गई है। दोनों दल के नेता ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं।
मुंबईः भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने के लिये राकांपा प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र की शिवसेना नीत सरकार से भी ऐसी ही मांग की।
हालांकि कांग्रेस ने पलटवार करते हुए विपक्षी पार्टी के विधायकों से पूछा कि अगर उन्हें महाराष्ट्र की इतनी ही चिंता है तो उन्होंने अपनी विधायक निधि को पीएम-केयर्स फंड के बजाय मुख्यमंत्री राहत कोष में दान क्यों नहीं दिया।
महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण और मौत के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार है। फड़नवीस ने भाजपा के अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से हुई मुलाकात के बाद कहा, ''उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार को केन्द्र की तरह पैकेज की घोषणा करनी चाहिये। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई बार पत्र लिखे। उन्हें इसी तरह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी पत्र लिखने चाहिये।''
पवार ने हाल ही में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि केंद्र के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रावधानों का अभाव है। किसानों के पास नकदी नहीं बची है।
कांग्रेस ने फड़नवीस पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा महाराष्ट्र विरोधी है और हर मुद्दे पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ''भाजपा विधायकों ने अपनी विधायक निधि को पीएम-केयर्स फंड में दान कर दिया। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री राहत कोष में दान क्यों नहीं किया?''
उन्होंने कहा कि भाजपा कोविड-19 के खिलाफ जंग में राज्य सरकार का साथ देने के बजाय राजनीति में व्यस्त है। सावंत ने कटाक्ष करते हुए कहा राज्य सरकार को केंद्र सरकार की तर्ज पर किसी भी आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह "खोखले वादों से भरा हुआ" है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र... राज्य सरकार के कामकाज में समस्याएं पैदा कर रहा है।