कांग्रेस और राकांपा को नहीं चाहिए सीएम उद्धव ठाकरे के प्रधान सलाहकार अजोय मेहता!, जानिए पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 26, 2020 02:36 PM2020-12-26T14:36:33+5:302020-12-26T14:37:43+5:30
महाविकास आघाड़ी सरकारः ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने एमईआरसी में मेहता की संभावित नियुक्ति का विरोध जता दिया है. दरअसल, मेहता पर कांग्रेस और राकांपा तभी से नाराज हैं, जब वे मुख्य सचिव हुआ करते थे.
मुंबईः महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मौजूदा प्रधान सलाहकार अजोय मेहता एमईआरसी या महारेरा के अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं, लेकिन महाविकास आघाड़ी के घटक दल राकांपा और कांग्रेस नहीं चाहते कि उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी जाए.
मगर ठाकरे मेहता के इतने प्रभाव में हैं कि उन्हें फिर एक बार किसी न किसी पद की जिम्मेदारी मिलना निश्चित माना जा रहा है. अजोय मेहता तभी से चर्चा में हैं जब उन्हें मुंबई मनपा आयुक्त से सीधे राज्य का मुख्य सचिव बना दिया गया था. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद ठाकरे ने दो बार उनका कार्यकाल बढ़ाया और बाद में उन्हें प्रधान सलाहकार बना दिया.
चर्चा के अनुसार मेहता इन दिनों महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलटरी कमिशन (एमईआरसी) या फिर महाराष्ट्र रियल इस्टेट रेगुलटरी ऑथरिटी (महारेरा) के अध्यक्ष पद पाने के लिए जोर लगा रहे हैं. वे अपने प्रयासों में सफल हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस और राकांपा नहीं चाहते कि मेहता को कोई जिम्मेदारी दी जाए.
राऊत ने एमईआरसी में मेहता की संभावित नियुक्ति का विरोध जता दिया है
ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने एमईआरसी में मेहता की संभावित नियुक्ति का विरोध जता दिया है. दरअसल, मेहता पर कांग्रेस और राकांपा तभी से नाराज हैं, जब वे मुख्य सचिव हुआ करते थे. उनके कार्यकाल में मंत्रियों से पूछे बिना निर्णय किए जाने लगे थे. इस बारे में अशोक चव्हाण ने कैबिनेट की बैठक में खुलकर नाराजगी जाहिर की थी.
राकांपा के जयंत पाटिल ने भी कुछ मामलों में आपत्ति जताई थी. तब कुछ और मंत्रियों ने बताया कि उनकी जानकारी में लाए बिना निर्णय किए जा रहे हैं. इस पर मेहता के पास कोई जवाब नहीं था. इस बीच, मेहता के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी इन पदों के लिए प्रयास कर रहे हैं. इनमें मुकेश खुल्लर, सुधीर श्रीवास्तव और मौजूदा मुख्य सचिव संजय कुमार भी शामिल हैं. संजय कुमार आगामी फरवरी में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
कांग्रेस और राकांपा के मंत्री मुख्यमंत्री से नाराज
कोविड-19 संकटकाल में लॉकडाउन और अन्य निर्णय लेते समय प्रशासन को विश्वास में लेना अच्छा है, लेकिन जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में लेना चाहिए. सूत्र बताते हैं कि यह सलाह राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हाल ही में हुई मुलाकात के दौरान दी. यह भी माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद राकांपा नेताओं में नाराजगी कम हुई है.
दादर के बालासाहब ठाकरे स्मारक में शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच लगभग एक घंटा चर्चा हुई. इस दौरान पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे. राकांपा प्रमुख ने बताया कि मुंबई के अतिरिक्त विभिन्न शहरों में लॉकडाउन सख्त करते हुए अलग-अलग नियम लागू करने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्कूल शुरू करने को लेकर भी असमंजस है. किसी विश्वास में लिए बिना लॉकडाउन सख्त करने के चलते कांग्रेस और राकांपा मंत्रियों में भारी नाराजगी है. अब यह कहा जा रहा है कि लॉकडाउन को लेकर जारी असमंजस को सरकार जल्द से जल्द दूर करेगी और अनलॉक के लिए कोई भी कदम उठाते समय राकांपा और कांग्रेस के मंत्रियों को भी विश्वास में लिया जाएगा.
इससे पूर्व अजित पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच बैठक हुई थी. सूत्र बताते हैं कि इस दौरान लॉकडाउन, राज्य की आर्थिक स्थिति और महाविकास आघाड़ी में जारी आंतरिक कलह पर भी चर्चा हुई.