मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के पास अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए कुल मिलाकर एक माह का समय है। ऐसे में उद्धव सरकार चाहती है कि किसी तरह राज्यपाल अपने कोटे से सीएम उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य मनोनीत कर दें। इससे उद्धव के सामने से संकट में टल जाएगा और बिना चुनाव लड़े विधान परिषद सदस्य बनकर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर भी बने रहेंगे।
एनडीटीवी की मानें तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाते हुए दूसरी बार राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को फिर उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत करने को कहा।
उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद संभाला था और उन्हें पद पर बने रहने के लिए एक महीने के भीतर ही विधानमंडल का सदस्य बनना होगा। अब तक वह राज्य विधानसभा अथवा परिषद के सदस्य नहीं हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि कोश्यारी से परिषद में राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने वाले दो सदस्यों में से एक सदस्य के तौर पर ठाकरे को मनोनीत किए जाने की सिफारिश की जाए।
इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्यपाल से ऐसा ही निवेदन किया गया था। कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी चुनाव टाले जाने की वजह से ठाकरे चुनाव लड़कर विधायक नहीं बन पाए हैं। ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करने को लेकर अब तक कोश्यारी ने मंजूरी नहीं दी है।
ऐसे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने देरी को लेकर पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे लेख में रविवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा था।