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महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकारः शिवसेना ने कहा-गठबंधन पर खतरा नहीं, फड़नवीस और राउत के बीच बैठक, कोई विशेष महत्व नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2020 20:34 IST

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के “एक सुबह कुछ ऐसा होगा” वाले बयान की आलोचना करते हुए संपादकीय में कहा गया कि घड़ी से सुबह का अलार्म निकाल दिया गया है और सभी “जागते रहो” की मुद्रा में हैं।

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ठळक मुद्देपूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और संजय राउत के बीच हुई बैठक का कोई विशेष महत्व नहीं है। भाजपा ने इससे पहले अल सुबह एक प्रयोग करने की कोशिश की थी लेकिन 72 घंटे में उसे सुधार लिया गया। अगले साढ़े चार सालों में तड़के कोई भी राजनीतिक मुहूर्त नहीं आने वाला है।

मुंबईः शिवसेना ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है और अगले चार साल तक उस प्रकार का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा जैसा नवंबर 2019 के ‘‘तड़के’’ में किया गया था।

पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में यह भी कहा गया कि पिछले सप्ताह यहां एक होटल में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और संजय राउत के बीच हुई बैठक का कोई विशेष महत्व नहीं है। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के “एक सुबह कुछ ऐसा होगा” वाले बयान की आलोचना करते हुए संपादकीय में कहा गया कि घड़ी से सुबह का अलार्म निकाल दिया गया है और सभी “जागते रहो” की मुद्रा में हैं।

सामना में कहा गया, “भाजपा ने इससे पहले अल सुबह एक प्रयोग करने की कोशिश की थी लेकिन 72 घंटे में उसे सुधार लिया गया। अगले साढ़े चार सालों में तड़के कोई भी राजनीतिक मुहूर्त नहीं आने वाला है।” पिछले साल जल्दबाजी में लिए गए एक निर्णय में राज भवन में तड़के एक समारोह में फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जिसका उल्लेख सामना के संपादकीय में किया गया। फडणवीस सरकार चार दिन में गिर गई थी जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी।

संपादकीय में कहा गया कि राउत और फडणवीस की बैठक कोई गोपनीय घटना नहीं थी और दोनों नेताओं ने बैठक का कारण स्पष्ट कर दिया था। सामना में कहा गया कि महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास आघाडी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

संपादकीय में कहा गया, “अगर भाजपा ने सुबह का अलार्म लगाया है तो उन्हें आश्वस्त होना चाहिए कि घड़ी (राकांपा का चुनाव चिह्न) की सुईयां तेजी से चल रही हैं और उसमें कोई गलती नहीं होगी। घड़ी हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) पर टिकी है और सुबह का अलार्म घड़ी से निकाल दिया गया है।” सामना में कहा गया, “अजित पवार ने अब अलार्म घड़ी के स्थान पर दीवार घड़ी लगा दी है। पेंडुलम लगातार चलता रहता है और सभी ‘जागते रहो’ की मुद्रा में हैं।” 

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