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मध्य प्रदेश: अब दिल्ली में सुलझेगा विभागों का मामला, CM शिवराज कल जा रहे राजधानी, करेंगे नेतृत्व से मशवरा

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: July 4, 2020 21:58 IST

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, और संगठन मंत्री बी एल संतोष, के साथ ही  ज्योतिरादित्य सिंधिया  समेत कई अन्य नेताओं से  भी मिलेंगे। माना जा रहा है कि मुख्य मंत्री की इस  यात्रा के बाद  मध्यप्रदेश  के मंत्रियों की बीच विभागों के बंटवारा हो जाएगा।

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ठळक मुद्दे मध्य प्रदेश में कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार  भले ही 2 जुलाई को हो गया होज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 14  मंत्रियों में से  अधिकांश को  महत्व पूर्ण विभाग दिलवाना चाह रहे है

भोपाल: मध्य प्रदेश में कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार  भले ही 2 जुलाई को हो गया हो पर तीन दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 14  मंत्रियों में से  अधिकांश को  महत्व पूर्ण विभाग दिलवाना चाह रहे हैं, वहीं भाजपा मूल के मंत्री अधिकांश महत्वपूर्ण विभागों पर काबिज होना चाहती है । इसके कारण गतिरोध बना हुआ है ।

इसको  लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह , ज्योतिरदित्य सिंधिया से कई बार बात कर चुके हैं। विभागों के वितरण को लेकर उपजे गतिरोध को  दूर करने मुख्य मंत्री  शिवराज सिंह  चौहान कल दिल्ली जा रहे हैं।  वह  पार्टी के  राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ  बैठकर यह मुद्दा सुलझाएंगे।  बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, और संगठन मंत्री बी एल संतोष, के साथ ही  ज्योतिरादित्य सिंधिया  समेत कई अन्य नेताओं से  भी मिलेंगे। माना जा रहा है कि मुख्य मंत्री की इस  यात्रा के बाद  मध्यप्रदेश  के मंत्रियों की बीच विभागों के बंटवारा हो जाएगा।  

बताया जा रहा है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को   परिवहन, वाणिज्यिक कर, महिला बाल विकास और सामान्य प्रशासन , स्वास्थ्य , वित्त और वाणिज्य  जैसे  महत्वूर्ण विभाग दिलवाने पर अडे हुए हैं ,वहीं भारतीय जनता पार्टी  का प्रादेशिक नेतृत्व इतनी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण विभाग सिंधिया समर्थको  को नहीं देना चाहता है। 

गौरतलब है कि राज्य के सदस्य मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों मंत्रियों की संख्या 14 है वही भारतीय जनता पार्टी के मूल   मंत्रियों की संख्या 19 है। भाजपा  के  मूल कैडर से आए   मंत्री भी मुख्य मंत्री और संगठन को बता चुके हैं कि उन्हें  आधे   से ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग मिलना चाहिए। एक मंत्री ने अनाम रहने की शर्त पर कहा कि  भले ही यह सरकार सिंधिया के समर्थन से बनी हैं लेकिन महत्वपूर्ण विभागों पर इतना ज्यादा समझौता  किया जाना भविष्य की  राजनीतिक दृष्टि से घातक होगा। 

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