भोपालः मध्य प्रदेश विधान सभा के मौजूदा अध्यक्ष जगदीश देवड़ा द्वारा 2 जुलाई को त्याग-पत्र देने के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा में अध्यक्ष का पद खाली हो गया था। इस पद पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा के सदस्य और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा को नियुक्त किया है।
मध्य प्रदेश में बृहस्पतिवार को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया गया था, जिसमें 15 नए चेहरों और तीन महिलाओं सहित 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इन नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी।
मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर पटेल को मध्यप्रदेश विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया है। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
रामेश्वर शर्मा वर्तमान में भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक
प्रदेश में मंत्रिपरिषद में शामिल किये जाने के बाद देवड़ा ने इस पद से दो जुलाई को त्यागपत्र दे दिया। मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने शनिवार को बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्थायी अध्यक्ष के चुनाव तक रामेश्वर शर्मा को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है। रामेश्वर शर्मा वर्तमान में भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं।
भोपाल के हुजूर सीट से दूसरी बार के विधायक रामेश्वर शर्मा को जगदीश देवड़ा की जगह प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। जगदीश देवड़ा ने शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के चलते दो जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
20 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा इस बार विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद अपने पास रख सकती है। वहीं, कांग्रेस भी मानसून सत्र से ही सरकार पर दबाव बनाने के लिए दोनों पदों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
कुल 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में मंत्रिमंडल में कुल 35 सदस्य हो सकते हैं। मुख्यमंत्री सहित 34 सदस्य इस मंत्रिमंडल में शामिल हो चुके हैं। इस हिसाब से चौहान अपने मंत्रिमंडल में अब केवल एक और मंत्री को रख सकते हैं।
24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों की वर्तमान संख्या को देखते हुए प्रदेश में इन दोनों दलों को ही सरकार बनाने का मौका ये परिणाम दे सकते हैं। वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 92, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय हैं। बाकी 24 सीट रिक्त हैं, जिनमें से 22 कांग्रेस के बागी विधायकों के कारण खाली हुई हैं, जबकि दो सीट भाजपा और कांग्रेस के एक—एक विधायक के निधन के कारण रिक्त हैं।