मध्य प्रदेश: दिग्विजय-सिंधिया की जंग पर लगेगी अंकुश, अध्यक्ष पद का फैसला जल्द करेंगी सोनिया गांधी

By शीलेष शर्मा | Published: September 5, 2019 08:49 AM2019-09-05T08:49:49+5:302019-09-05T08:49:49+5:30

अध्यक्ष पद को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. राज्य की राजनीति पर हावी ज्योतिरादित्य का खेमा, दिग्विजय सिंह का खेमा और कमलनाथ का खेमा अपना प्रदेश बनवाना चाहता है.

Madhya Pradesh: Digvijay-Scindia's war will be curbed, Sonia Gandhi will soon decide the post of president | मध्य प्रदेश: दिग्विजय-सिंधिया की जंग पर लगेगी अंकुश, अध्यक्ष पद का फैसला जल्द करेंगी सोनिया गांधी

अजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कड़ा मुकाबला है जिस पर सोनिया को निर्णय लेना है

Highlightsकांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती हैं. अभी तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कमलनाथ के पास है.

हरियाणा में नई नियुक्तियां कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी की आतंरिक कलह पर अंकुश लगाने में कामयाब हो गई हैं लेकिन मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मचे घमासान का मुद्दा अभी भी सोनिया के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगले तीन-चार दिन में सोनिया मध्य प्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चौंकाने वाला फैसला ले सकती हैं.

दरअसल कांग्रेस के मध्य प्रदेश में सत्ता में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की तमाम कोशिशों के बावजूद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ को प्रदेश की बागडोर सौंप दी थी.

वहीं, ज्योतिरादित्य को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर उन्हें शांत करने की कोशिश की. लोकसभा चुनाव हार जाने के कारण अलग-थलग पड़े सिंधिया ने राहुल के इस्तीफे के साथ ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अपनी दावेदारी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ठोंक दी.

प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. राज्य की राजनीति पर हावी ज्योतिरादित्य का खेमा, दिग्विजय सिंह का खेमा और कमलनाथ का खेमा अपना प्रदेश बनवाना चाहता है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का दिग्विजय सिंह खुला विरोध कर रहे हैं, उन्होंने नेतृत्व को संकेत दिए हैं कि यदि सिंधिया को अध्यक्ष बनाया गया तो कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी.

वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना कर साफ कर दिया कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उनके समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे.

सिंधिया ने अपने इस दबाव को सही साबित करने के लिए अपने समर्थकों से इस आशय के बयान भी जारी करा दिए हैं.

दूसरी ओर, तीसरे खेमे की रूप में काम कर रहे कमलनाथ अपने प्रबल समर्थक बाला बच्चन को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं. अभी तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कमलनाथ के पास है.

तीनों खेमों की आपसी लड़ाई इतनी गहरी हो गई है कि सोनिया गांधी के लिए कोई फैसला लेना कठिन हो गया है.

बावजूद इसके सूत्रों ने दावा किया कि सोनिया गांधी अगले कुछ दिनों में इस आतंरिक कलह पर विराम लगाने के लिए चौंकाने वाला फैसला लेने की तैयारी कर रही हैं जिसके अनुसार इनके अलावा वे किसी नए नाम को या तो अध्यक्ष बना सकती हैं अथवा एक अध्यक्ष के साथ-साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती हैं.

प्राप्त संकेतों के अनुसार अजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कड़ा मुकाबला है जिस पर सोनिया को निर्णय लेना है.

Web Title: Madhya Pradesh: Digvijay-Scindia's war will be curbed, Sonia Gandhi will soon decide the post of president

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