MP उपचुनावः कमलनाथ ने कहा- बीजेपी को लगने लगा डर, वह फिर से बाजार में चल पड़ी, फोन कर विधायकों दे रही है ऑफर
By रामदीप मिश्रा | Published: October 26, 2020 02:21 PM2020-10-26T14:21:56+5:302020-10-26T14:21:56+5:30
इस साल मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर बीजेपी में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
भोपालः मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रदेश के दमोह विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी रविवार को पार्टी छोड़ कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोला है।
कमलनाथ ने कहा, 'बीजेपी को स्पष्ट लग रहा है कि इस चुनाव के क्या परिणाम आने वाले हैं। 10 नवंबर का इतना डर लग रहा है कि वे फिर से बाज़ार में चल पड़े हैं कि जो मिल जाए उसे खरीद लो। मुझे कई विधायकों के फोन आए हैं कि बीजेपी उनको फोन कर रही है और ऑफर दे रही है।'
उन्होंने कहा, 'मार्च महीने में मैंने सौदेबाजी की राजनीति से इंकार कर दिया था, सौदेबाजी की राजनीति मैं भी कर सकता था। मैंने चुनाव आयोग को आज पत्र लिखा है कि ये चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए।'
बीते दिन मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया था कि लोधी पार्टी में शामिल हो गए। इसके साथ ही विधानसभा की सदस्यता छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं की संख्या अब 26 हो गई है। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए लोधी का कहना है कि कमलनाथ की तत्कालीन सरकार के दौरान काम नहीं हो रहे थे और बीजेपी सरकार में तेजी से काम हुए हैं। इसलिए उसमें शामिल हो रहा हूं।
उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर बीजेपी में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी। इसके बाद कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए।
लोधी के इस्तीफे के बाद प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में काग्रेस के 87 विधायक रह गए हैं, जबकि बीजेपी के 107 विधायक हैं और चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा का विधायक है। शेष 29 सीटें रिक्त हैं। इनमें से तीन नवंबर को 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में आने से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस के विधायकों के निधन से और एक सीट बीजेपी विधायक के निधन से रिक्त है। बीजेपी को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र नौ सीट जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटों की। इनके नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।