कांग्रेस के प्रवेक्ता भूपेन्द्र ने कहा था कि एक एवीएम के सैकड़ों लोगों के उपयोग से कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. गृहमंत्री मंत्री डा. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस जनता के बीच नहीं जाती है. क्योकि उनको हार का डर है. डा. मिश्रा ने दावा किया कि उपचुनाव में कांग्रेस की हार तय है.
ईवीएम पर राजनीतिः कांग्रेस ने कहा- एमपी में उपचुनाव मतदान बैलेट पेपर से हो, नरोत्तम मिश्रा ने बोला हमला, कांग्रेस परिणाम आने पर खामोश
ठळक मुद्देविधानसभा चुनाव में तो ईवीएम से ही मतदान हुआ था और कांग्रेस की सरकार बनी थी. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने इस मुददे से दूरी बना ली थी.मध्य प्रदेश में कोरोना से निपटने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के द्वारा उनको बधाई देने पर डा. मिश्रा ने कहा कि मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभारी हूं.शिवराज सरकार को घेरे जाने पर डा मिश्रा ने कहा कि हम अपराधों पर नियंत्रण के लिए लगातार काम कर रहे हैं.
भोपालः मध्य प्रदेश के गृहमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने उपचुनाव में कांग्रेस की बैलेट पैपर से मतदान कराने की मांग को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी हमेशा ईवीएम का रोना रोती हैं और परिणाम आने पर खामोश हो जाते है. कल कांग्रेस के तरफ से कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के दौर में ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से आगामी उप चुनाव में मतदान कराने की मांग की गई थी.
कांग्रेस के प्रवेक्ता भूपेन्द्र ने कहा था कि एक एवीएम के सैकड़ों लोगों के उपयोग से कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. गृहमंत्री मंत्री डा. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस जनता के बीच नहीं जाती है. क्योकि उनको हार का डर है. डा. मिश्रा ने दावा किया कि उपचुनाव में कांग्रेस की हार तय है.
कांग्रेस चुनाव के पहले ईवीएम का रोना रोती है, लेकिन परिणाम आने के बाद वह खामोश हो जाती है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में तो ईवीएम से ही मतदान हुआ था और कांग्रेस की सरकार बनी थी. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने इस मुददे से दूरी बना ली थी.
मध्य प्रदेश में कोरोना से निपटने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के द्वारा उनको बधाई देने पर डा. मिश्रा ने कहा कि मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभारी हूं. उन्होंने मेरी तारीफ नहीं कि है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की तारीफ की है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी और डाक्टर कोरोना योद्धा है उनकी वजह से ही प्रदेश नियंत्रण में हो पाया है.
कांग्रेस के द्वारा प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर शिवराज सरकार को घेरे जाने पर डा मिश्रा ने कहा कि हम अपराधों पर नियंत्रण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. हमें पहले से ही आशंका थी कि ढाई माह तक चले लाक डाउन के बाद अपराध बढ़ेंगे. मध्य प्रदेश पुलिस अपराधों से सख्ती से निपट रही है.
प्रदेश में धनमत की सत्ता और अपराधियों का राज
अखिल भारतीय कांग्रेस के मीडिया कोर्डिनेटर अभय दुबे ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा ने धनमत से सरकार हथियाई और उसे अपराधियों, भ्रष्टाचारियों और व्यभिचारियों के हवाले कर दिया. दुबे ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि बीते 15 वर्षों के दौरान हमने देखा शिवराज के आने के बाद मध्य प्रदेश में अपराध चरम पर थे.
अपहरण में 755 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. नाबालिग बेटियों के साथ 249 प्रतिशत बलात्कार बढ़े थे. बहनों के साथ अन्याय 1168 प्रतिशत बढ़ा था. प्रदेश को बलात्कार और अपराध में नंबर वन बना दिया गया था.दुबे ने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना के चलते लाक डाउन था. प्रदेश के नागरिकों को जगह-जगह पीटा जा रहा था. महेश्वर तहसील में एक आदिवासी की पुलिस ने पीट-पीट कर हत्या कर दी.
उसका कसूर बस इतना था कि वो अपने बच्चों के लिए राशन लेने निकला था. जबलपुर में एक किसान को पीट-पीट कर मार दिया गया. छतरपुर में एक मजदूर के माथे पर लाक डाउन तोड़ने का अपराध लिख दिया गया. अर्थात मध्यप्रदेश के नागरिकों के साथ बर्बरता की गई और इसी दौरान अपराधियों को शिवराज सरकार ने खुली छूट दे रखी थी.
दुबे ने कहा कि प्रदेश में अप्रैल माह में कुल 26,515 आईपीसी के अपराध हुए हैं, जबकि मार्च माह में ये आँकड़ा 20,870 और फरवरी में 20,835 था. शिवराज सरकार के लाक डाउन के दौरान अप्रैल माह में 246 अपहरण, 119 हत्याएं, 130 हत्या के प्रयास, 206 बलात्कार, 362 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं घटित हुई हैं. शर्मनाक तो यह है कि सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएं भोपाल रेंज और मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र होशंगाबाद रेंज में हुई हैं. सर्वाधिक अपहरण सागर और रीवा रेंज में हुए हैं.