Madhya Pradesh by election 2020: प्रशांत किशोर का सहारा लेगी कांग्रेस, शिवराज-सिंधिया की जोड़ी पर अटैक करने की रणनीति
By राजेंद्र पाराशर | Published: May 22, 2020 07:48 PM2020-05-22T19:48:56+5:302020-05-22T19:48:56+5:30
भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ मिलने से खुश है और शिवराज एवं सिंधिया की जोड़ी के साथ वह मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है. वहीं कांग्रेस ने उपचुनाव प्रशांत किशोर के रणनीतिक नेतृत्व में लड़ने की तैयारी की है. भाजपा को टक्कर देने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्हें उपचुनाव के लिए प्रभारी भी बना दिया है.
भोपालः मध्य प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे को हराने की रणनीति पर काम करने लगे हैं.
भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ मिलने से खुश है और शिवराज एवं सिंधिया की जोड़ी के साथ वह मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है. वहीं कांग्रेस ने उपचुनावप्रशांत किशोर के रणनीतिक नेतृत्व में लड़ने की तैयारी की है. भाजपा को टक्कर देने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्हें उपचुनाव के लिए प्रभारी भी बना दिया है.
मध्य प्रदेश की जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 16 विधानसभा सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में हैं. सिंधिया और शिवराज की जोड़ी के साथ भाजपा मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है, वहीं कांग्रेस ने इस जोड़ी को कमजोर करने के लिए अब प्रशांत किशोर को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रशांत किशोर को उपचुनाव का प्रभारी बनाया है. वैसे 2018 के विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को 15 साल के बाद सत्ता में वापसी के लिए रणनीति बनाई थी और उस रणनीति पर कांग्रेस ने कई सीटों पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की थी. कांग्रेस सिंधिया को घर में घेरने की रणनीति पर पूरा काम कर रही है. इस रणनीति के चलते उसने यह फैसला भी लिया है कि वह चुनाव का वार रूम भी भोपाल के बजाय ग्वालियर-चंबल अंचल के ग्वालियर में ही बनेगा.
बसपा के मैदान में आने से बनेगा त्रिकोणीय मुकाबला
बहुजन समाज पार्टी ने भी उपचुनाव में सभी 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला लिया है. बसपा अपने बूते पर प्रत्याशी मैदान में उतारेगी. बसपा की इस घोषणा के साथ ही यह तय हो गया है कि उपचुनाव में सभी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा.
ग्वालियर-चंबल में ज्यादा सीटें हैं और इस अंचल में बसपा का खासा प्रभाव भी है. बसपा की प्रदेश इकाई जल्द ही इन सीटों के संभावित प्रत्याशियों के नाम पार्टी प्रमुख मायावती को भेजने की तैयारी कर रही है.