भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि मध्य प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल प्रदेश के बच्चों को दी जाएंगी और सरकार इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान रही है। चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, ‘‘आज मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को दी जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के संसाधन प्रदेश के बच्चों के लिए हैं। इसके कुछ मिनटों बाद चौहान ने ट्वीट किया, ’’मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे, यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘मेरे प्यारे भांजे-भांजियों! आज से मध्य प्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार प्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियां सिर्फ राज्य के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।’’ चौहान ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 15 अगस्त के अपने संबोधन में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड परिसर के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण करने के बाद कहा था, ‘‘मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जायेगी।
प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे। शासकीय भर्तियों के लिए अभियान तो चलाया ही जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि स्थानीय युवाओं विद्यार्थियों को उनकी 10वीं एवं 12वीं की अंकसूची के आधार पर ही नियोजित किया जाएगा।’’