पूर्व मंत्री ने सीएम से पूछा सवाल, कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन कर क्या बताना चाहते हैं शिवराज
By शिवअनुराग पटैरया | Published: July 29, 2020 06:21 PM2020-07-29T18:21:05+5:302020-07-29T18:21:05+5:30
प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण मंत्री सज्जन वर्मा ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कोविड के मरीजों को जिन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए उनका उल्लंघन करके मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता और विशेषकर कोरोना के मरीजों को क्या संदेश दिया है?
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने एक निजी अस्पताल परिसर से जो वर्चुअल कैबिनेट आयोजित की और उसका सार्वजनिक प्रसारण कर नियमों और बिजनेस प्रक्रिया को अपमानित किया. उसकी अपरिहार्यता पर सरकार को अपना मंतव्य जारी करना चाहिए. क्या प्रदेश के विकास का नया माडल इवेंट बाजी के माध्यम से ही सामने आएगा?
प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण मंत्री सज्जन वर्मा ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कोविड के मरीजों को जिन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए उनका उल्लंघन करके मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता और विशेषकर कोरोना के मरीजों को क्या संदेश दिया है?
वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस बात की मांग हो रही है कि मरीज के परिजनों को मरीज की हालत और किए जा रहे चिकित्सा उपाय की जानकारी वीडियो के माध्यम से लेने दी जाए किंतु जहां सरकार स्वयं कहती है कि कोविड के मरीज का नाम और पहचान जाहिर ना की जाए वही स्वयं मुख्यमंत्री स्वयं के पाजिटिव होने की घोषणा करें तो कोरोना गाइडलाइंस का प्रदेश में कैसे पालन होगा?
इसका जबाब स्वयं मुख्यमंत्री को देना चाहिए. कोरोना पेशेंट को आइसोलेशन में इसीलिए रखा जाता है ताकि अन्य कोई व्यक्ति उसके संपर्क में ना आए किंतु मुख्यमंत्री से कतिपय मंत्री और भाजपा के कार्यकर्ता धड़ल्ले से अस्पताल में मिल रहे हैं.
सरकारी कर्मचारियों के रोके गए लाभ तुरंत दें : कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुला पत्र लिखकर कहा कि सरकारी कर्मचारियों के रोके गए सभी लाभ प्रदान करें. ताकि सरकारी कर्मचारी दो गुने उस्ताह से कोरोना से निपटने के लिए काम कर सकें.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर पत्र में कहा कि हाल ही में मैंने समाचार पत्र में पढ़ा कि आप की सरकार ने कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि न देने का फैसला किया है. प्रशासनिक भाषा में आपने उन्हें काल्पनिक वार्षिक वेतन वृद्धि दी है. इसके पूर्व मेरी सरकार ने कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया था.
इस फैसले पर भी आपकी सरकार ने रोक लगा दी, जिसके संबंध में मैंने आपको पूर्व में एक पत्र भी लिखा था. यही नहीं आपकी सरकार ने कर्मचारियों को मिलने वाले सातवें वेतनमान के एरियर्स की राशि, जो अंतिम किश्त के रूप में दी जानी थी, उसे भी न देने का फैसला किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी ज्ञात हुआ है कि पर्यटन विभाग के अंतर्गत कर्मचारियों को 50 प्रतिशत वेतन न देने का निर्णय भी लिया गया है. विगत पांच माह में आप की सरकार ने निरंतर कर्मचारियों के हितों एवं उनके अधिकारों को छीनने वाले निर्णय लिए हैं, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है.
कमलनाथ ने पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सरकारी कर्मचारियों के रोके गये समस्त लाभ अविलंब प्रदान करने का निर्णय लेने का कष्ट करे, इससे प्रदेश के कर्मचारी दोगुने उत्साह से कोरोना से निपटने में अपना सक्रिय योगदान दे सकेंगे.