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शिवराज सरकार पर हमला, पूर्व मंत्री बोले- सपने मत दिखाएं, पिछले 6 महीनों से अपने घर क्यों नहीं गए ज्योतिरादित्य सिंधिया

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: August 19, 2020 20:41 IST

प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है. कोरोना महामारी के चलते शिक्षकों को अपना पेट भरने तक की समस्या खड़ी हो गई है. महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी के चलते हमारे प्रदेश में बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षकों का क्या कसूर है?

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ठळक मुद्देवर्मा ने कहा कि 2 करोड़ लोगों को हर साल नौकरी का वादा करके मोदी सरकार 16 करोड़ लोगों की नौकरी ख़त्म  कर चुकी है. तिथि शिक्षक सरकार के विरोध में प्रदर्शन तथा आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की शिवराज सरकार इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है.प्रदेश की नींव में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों की प्रदेश में यह दशा होगी ऐसी कल्पना कभी नहीं की थी.

भोपालः वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं प्रदेश के पूर्व लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार पर झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कानून लाएं फिर सपने दिखाएं.

वर्मा ने कहा कि 2 करोड़ लोगों को हर साल नौकरी का वादा करके मोदी सरकार 16 करोड़ लोगों की नौकरी ख़त्म  कर चुकी है. वर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की क्या स्थिति है, लगातार अपनी छोटी-छोटी मांगों को लेकर प्रदेश के सत्तर हजार से अधिक अतिथि शिक्षक सरकार के विरोध में प्रदर्शन तथा आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की शिवराज सरकार इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है.

आज प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है. कोरोना महामारी के चलते शिक्षकों को अपना पेट भरने तक की समस्या खड़ी हो गई है. महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी के चलते हमारे प्रदेश में बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षकों का क्या कसूर है? उनको किस बात की सजा शिवराज सरकार दे रही है? यदि सरकार अन्य कर्मचारियों को वेतन दे सकती है तो अतिथि शिक्षकों को क्यों नहीं? प्रदेश की नींव में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों की प्रदेश में यह दशा होगी ऐसी कल्पना कभी नहीं की थी.

आगामी 5 सितंबर को देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाएगा लेकिन, हमारे प्रदेश में सत्तर हजार से अधिक अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन तथा आंदोलन करेंगे. यह प्रदेश के इतिहास में शर्मनाक दिन होगा. जो सरकार शिक्षकों का पेट नहीं भर सकती उसे शर्म से डूब मरना चाहिये.

उन्होंने कहा कि प्रदेश मैं सरकार से आग्रह  करता हूँ कि वह अतिशीघ्र इस विषय पर संज्ञान ले और 5 सितंबर शिक्षकों के सम्मान के दिवस के रूप में ही पूरे प्रदेश में मनाया जाए ना कि शिक्षकों के आक्रोश को झेल कर प्रदेश शर्मसार हो.

वर्मा ने कहा कि मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण तथा वेतन के मुद्दे पर प्रदेश की सड़कों पर उतरने की धमकी कमलनाथ सरकार को दी थी अब वह कहां है? अब तो उनकी पार्टी की सरकार है अब शिवराज उनकी बात क्यों नहीं मान रहे या फिर वह सिर्फ अपने फायदे के लिए अतिथि शिक्षकों की बात कर रहे थे जिससे वह भाजपा के साथ डील कर पाए.

वर्मा  ने  आरोप  लगाते  हुए  कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जो हमेशा से ही अपने क्षेत्र ग्वालियर को लेकर कहते आए हैं कि यह मेरा घर है. मैं सिंधिया से यह पूछना चाहता हूं कि वह पिछले 6 महीनों से अपने घर क्यों नहीं गए? सिंधिया के पास भोपाल जाने के लिए समय है, दिल्ली में रहने के लिए समय है, इंदौर आने के लिए समय है, लेकिन ग्वालियर जाने के लिए अपने घर जाने के लिए समय नहीं है.

टॅग्स :कांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कमलनाथशिवराज सिंह चौहानज्योतिरादित्य सिंधियाभोपालग्वालियर
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