मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनावः कांग्रेस के 50,000 कार्यकर्ताओं ने BJP की सदस्यता ली, सिंधिया बोले- 27 की 27 सीट भाजपा जीतेगी

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 24, 2020 02:34 PM2020-08-24T14:34:41+5:302020-08-24T15:55:54+5:30

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज सुबह तक करीब 50,000 कार्यकर्ताओं ने BJP की सदस्यता ली है। हमारी एक ही मांग थी कि क्षेत्र के साथ न्याय होना चाहिए, विकास होना चाहिए, प्रगति होनी चाहिए उसकी पूर्णता शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं।

Madhya Pradesh Assembly by-election 50,000 Congress workers join BJP Scindia will win 27 seats of 27 | मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनावः कांग्रेस के 50,000 कार्यकर्ताओं ने BJP की सदस्यता ली, सिंधिया बोले- 27 की 27 सीट भाजपा जीतेगी

सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस नीत सरकार आने पर शीर्ष नेतृत्व ने मुझे उप मुख्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव किया था। (photo-ani)

Highlightsहम उपचुनाव में सभी सीट जीतेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में 27 की 27 सीट भारतीय जनता पार्टी ही जीतेगी।कांग्रेस को सही दिशा में लाने की बात करें तो उन पर आरोप लगा दिया जाता है कि ये नेता तो BJP से मिले हुए हैं। कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे नेता जिन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष की बात कही। अब उन्हीं पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो BJP से मिले हुए हैं।

भोपालः कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम उपचुनाव में सभी सीट जीतेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में 27 की 27 सीट भारतीय जनता पार्टी ही जीतेगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज सुबह तक करीब 50,000 कार्यकर्ताओं ने BJP की सदस्यता ली है। हमारी एक ही मांग थी कि क्षेत्र के साथ न्याय होना चाहिए, विकास होना चाहिए, प्रगति होनी चाहिए उसकी पूर्णता शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं।

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को सही दिशा में लाने की बात करें तो उन पर आरोप लगा दिया जाता है कि ये नेता तो BJP से मिले हुए हैं। कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे नेता जिन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष की बात कही। अब उन्हीं पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो BJP से मिले हुए हैं।

सही बात करने वाला कांग्रेस में गद्दार है और तलवे चाटने वाले कांग्रेस में वफादार हैं और जब पार्टी की ये स्थिति हो जाए तो उसे कोई नहीं बचा सकता। गोहद में इतने वोटों से जिताना रणवीर (पूर्व कांग्रेस विधायक जिन्होंने हाल ही में भाजपा सदस्यता ली) को कि सारे रिकॉर्ड टूट जाएं और फिर गोहद के सम्मान के साथ कोई खिलवाड़ न कर पाए। कमलनाथ और दिग्विजय के दिल दहल जाएं।

कांग्रेस ने मुझे उप मुख्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव दिया था :  सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस नीत सरकार आने पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव किया था लेकिन जनता की भलाई के लिए मैंने इसे ठुकरा दिया था। सिंधिया ने कहा कि तभी मुझे अंदाजा हो गया था कि 15 महीने में ही कमलनाथ के नेतृत्च वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार का बंटाधार हो जाएगा और ऐसा हुआ भी।

भाजपा के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान के आयोजन के सिंधिया ने ग्वालियर में नये कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे शीर्ष नेतृत्व ने (वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद) उप मुख्यमंत्री के पद का ऑफर दिया था, लेकिन मैंने लेने की बजाय जनता की सेवा करना ठीक समझा।’’

उन्होंने कहा कि वैसे भी मैं समझ गया था कि 15 महीने में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सरकार का बंटाधार कर देंगे। यह पहली बार है जब सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उसे मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के पद का ऑफऱ दिया गया था। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 11 मार्च को कहा था कि सिंधिया को पार्टी ने मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बनने का ऑफऱ किया था, लेकिन सिंधिया अपने चेले को उप मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। इसलिए कमलनाथ ने चेले को इस पद के लिए अस्वीकार कर दिया था।

सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की जनता के साथ वादाखिलाफी की। राहुल गांधी ने वादा किया था कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी तो 10 दिन में किसानों के दो लाख रूपये तक के कर्ज माफ हो जाएंगे, यदि नहीं हुए तो 11वें दिन मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा। लेकिन कर्ज माफ नहीं हुए। सिंधिया ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार को मजबूती और विकास के लिए ग्वालियर-चंबल से 26 सीटें दीं, लेकिन विकास की बजाय भ्रष्टाचार होता रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी दादी और पिता की तरह जनता का सेवक हूं, कुर्सी का सेवक नहीं। यदि मैं कुर्सी का सेवक होता, तो जब मुझे उप मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था, तो मैं उसे स्वीकार कर लेता। लेकिन मुझे पता था कि सरकार में जो लोग बैठे हैं, वो प्रदेश का क्या हश्र करने वाले हैं और उसका भार मैं अपने ऊपर नहीं लेना चाहता था।’’ सिंधिया ने आरोप लगाया कि कमलनाथ ने वल्लभ भवन (मंत्रालय) को जनता के लिए बंद कर दिया था। सिर्फ ठेकेदार और व्यापारी ही जा सकते थे। मंत्रियों, विधायकों के लिए मुख्यमंत्री के पास समय नहीं था। कांग्रेस ने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था।

Web Title: Madhya Pradesh Assembly by-election 50,000 Congress workers join BJP Scindia will win 27 seats of 27

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