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Madhya Pradesh crisis: एक मिनट में ही सदन से चले गए लालजी टंडन, राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने जताई आपत्ति

By भाषा | Updated: March 16, 2020 12:33 IST

विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यपाल को सदन में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है। हालांकि राज्यपाल ने बाद में विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें।

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ठळक मुद्दे विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह भी किया।कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे।

भोपालः मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ।

हालांकि विपक्ष की आपत्ति पर राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पूरा नहीं किया और सदन से निकल गए। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यपाल को सदन में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है। हालांकि राज्यपाल ने बाद में विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें।

उन्होंने विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह भी किया। इस अपील के बाद राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ सदन से बाहर निकल गए। राज्यपाल के जाने के बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही व्यापक जनहित में 26 मार्च तक स्थगित कर दी। इससे पहले बैठक शुरू होने पर राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ का गान हुआ।

इसके बाद विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए थे। गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये।

उनके साथ ही मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। 

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