तीन तलाक पास होने बाद क्या रही मुस्लिम नेताओं की प्रतिक्रिया
By स्वाति सिंह | Published: December 29, 2017 12:04 AM2017-12-29T00:04:28+5:302017-12-29T01:16:25+5:30
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है।
तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाला विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया और देर शाम लंबी बहस के बाद इसे सर्व सहमति से पारित किया गया। इस दौरान संसदीय सदस्यों ने अपनी-अपनी राय रखी। साथ ही आज के दिन को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह बिल मौलिक अधिकारों का हनन है। सरकार को मुस्लिम औरतों से कोई लेना देना नहीं है, सियासी फायदे के लिए इस बिल को पास कराया गया है।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, 'सरकार यह बिल संकीर्ण राजनीतिक फायदे के लिए लेकर आई है। इससे मुस्लिम महिलाओं को फायदा नहीं होगा।
शाइस्ता अंबर, ऑल इंडिया मुस्लिम वीमंस पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, 'यह ऐतिहासिक दिन है। मुस्लिम महिलाएं सालों से पीड़ित हैं और उन्हें उनके सब्र का फल मिला है।'
विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि बिल पास होने से कुछ लोगों की दुकानदारी बंद होगी। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के कैद से निकालने का प्रयास सफल रहा। महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा।
ऐसा है प्रस्थापित बिल
- तीन बार तलाक चाहे बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कहना गैरकानूनी होगा।
- अगर किसी पति ने ऐसा किया तो तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। यह गैर-जमानती अपराध होगा।
- यह कानून सिर्फ 'तलाक ए बिद्दत' यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा।
- तलाक की पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी।
- पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के रक्षण का भी अनुरोध कर सकती है। मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे।
- यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है।