लोकसभा चुनाव 2019: 'कुंवारों' के हाथों में 6 राज्यों की कमान, ममता-नवीन को छोड़ सभी भाजपा के
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 13, 2019 04:42 PM2019-04-13T16:42:02+5:302019-04-13T16:42:02+5:30
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल हैं।
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में अविवाहित या अकेले जीवन बिताने वाले राजनेता सफल हो रहे हैं। यानी मौजूदा समय में 6 राज्यों की कमान एक तरह से 'कुंवारों' के हाथों में ही है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल हैं। आदित्यनाथ देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के पहले अविवाहित पुरुष मुख्यमंत्री हैं।
नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़कर शेष सभी अविवाहित मुख्यमंत्री भाजपा से हैं।
राजनीति में शीर्ष पर कायम अविवाहित नेता
इन सबके अलावा देश की राजनीति में शीर्ष पर कायम अविवाहित नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी अविवाहित हैं। उमा भारती मध्य प्रदेश की सीएम रह चुकी हैं। हालांकि, शादी को लेकर राहुल गांधी के बयान बीच-बीच में जरूर सुर्खियों में आते रहे हैं।
अतीत में भी सिंगल रहे भारतीय नेता
वैसे अतीत में भी सिंगल रहे नेता भारतीय राजनीति में शिखर पर पहुंचते रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी अब तक देश के इकलौते कुंवारे प्रधानमंत्री रहे हैं। इसके अलावा एपीजे अब्दुल कलाम का भी जिक्र जरूरी है। वह देश के 11वें राष्ट्रपति बने। कलाम का निधन साल 2015 में 83 साल में हुआ। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रही जयललिता भी अविवाहित थीं। उनका निधन 2016 दिसंबर में 68 साल की उम्र में हुआ। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आजीवन सांसारिक बंधन से दूर रहे।
शादी की लेकिन...
मुख्यमंत्रियों की ही बात करें तो नीतीश कुमार का जिक्र भी आ जाता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अकेले हैं। दरअसल उनकी पत्नी मंजु कुमारी सिन्हा का निधन 2007 में हो गया था, तब नीतीश राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके थे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की शादी धौलपुर के महाराजा से 1972 में हुई, लेकिन एक साल बाद ही दोनों अलग हो गए। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के कहने पर उन्होंने रिश्ते में चाचा लगने वाले जावेद इकबाल से शादी तो की, लेकिन कुछ ही सालों में दोनों का तलाक हो गया। तब तक महबूबा दो बेटियों की मां बन चुकी थीं।
उनसे पहले, जवाहर लाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे, जो उस समय अकेले ही थे। 17 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे नेहरू की पत्नी कमला नेहरू का देहांत 1936 में ही हो गया था। नेहरू के अलावा इंदिरा गांधी भी 1966 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बनीं थीं तब उनके पति फिरोज गांधी का देहांत हुए छह साल बीत चुके थे।
चुनाव में 'सिंगल' होने का सहारा लेते रहे हैं
इसका फायदा भी इन्हें मिलता है। चुनाव के समय 'सिंगल' होने का सहारा लेते रहे हैं और कहते रहे हैं कि वंशवाद नहीं चलेगा, क्योंकि उनका परिवार ही नहीं है। ममता बनर्जी भी प्रचार करती रही हैं कि वो किसी को लाभ क्यों पहुंचाएंगी, जब उनका कोई नहीं है। दरअसल सिंगल होने की सबसे खास बात तो यही है कि ये नेता आम मतदाताओं को ऐसा समझा पाते हैं कि 'हम हर पल आपके लिए काम करेंगे और मेरा अपना है कौन जिसके लिए मुझे भ्रष्टाचार करने की जरूरत है।'