Lockdown extension: सूरत के 5 इलाकों में आज मध्यरात्रि से कर्फ्यू, 22 अप्रैल की सुबह छह बजे तक लागू रहेगा, प्रवासी कामगारों ने किया प्रदर्शन
By भाषा | Published: April 16, 2020 06:24 PM2020-04-16T18:24:40+5:302020-04-16T18:24:40+5:30
मुंबई के बाद गुजरात के सूरत में प्रवासी कामगारों ने प्रदर्शन किया था। इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच विजय रूपाणी सरकार ने आज मध्यरात्रि से सूरत में 22 अप्रैल तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। जिले के 5 इलाकों में लगाया गया है।
अहमदाबाद/सूरतः गुजरात सरकार ने सूरत के पांच घनी आबादी वाले इलाकों में बृहस्पतिवार मध्य रात्रि से एक हफ्ते के लिए कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में सचिव अश्वनी कुमार ने बताया कि ये इलाके सलाबतपुरा, महिधारपुरा, लालगेट, अठवालाइन और कमरुनगर पुलिस चौकी के अंतर्गत आते हैं। प्रशासन ने यह घोषणा सूरत में 12 घंटे के भीतर कोरोना वायरस संक्रमण के 35 नये मामले सामने आने के बाद की।
सूरत जिले में अबतक कोरोना वायरस संक्रमण के 86 मामले आ चुके हैं। कुमार ने बताया कर्फ्यू 22 अप्रैल की सुबह छह बजे तक लागू रहेगा और इन दिनों में सिर्फ महिलाओं को जरूरी सामान खरीदने के लिए दोपहर एक बजे से लेकर चार बजे तक तीन घंटे की छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं ने सामाजिक दूरी के नियम का अनुपालन नहीं किया और बड़ी संख्या में बाहर आईं तो यह रियायत वापस ले ली जाएगी। सूरत के पुलिस आयुक्त आरबी ब्रह्मभट्ट ने कहा कि कर्फ्यू जरूरी है क्योंकि कोविड-19 के कई मामले इन इलाकों से सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि रैपिड ऐक्शन फोर्स, राज्य रिजर्व पुलिस और स्थानीय पुलिस को इन इलाकों में कर्फ्यू का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए तैनात किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बुधवार को पुराने अहमदाबाद और दानिल्मिदा इलाके में 21 अप्रैल तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया था।
लॉकडाउन: सूरत में प्रवासी कामगारों ने बेहतर खाने के लिए
गुजरात के सूरत शहर के एक औद्योगिक क्षेत्र में बृहस्पतिवार दोपहर करीब 100 प्रवासी कामगार एकत्र हो गए और लॉकउाउन के दौरान उन्हें दिए जो रहे भोजन के मुद्दे पर विरोध जताया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य पंडेसरा इलाके में सड़क पर बैठ गए।
उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से थे। उनकी शिकायत थी कि उन्हें दिया जा रहा भोजन उनके स्वाद के अनुसार नहीं है। घटना की जानकारी मिलने पर डीसीपी विधि चौधरी के नेतृत्व में एक पुलिस दल लॉकडाउन का पालन करने के लिए कामगारों को समझाने की खातिर वहां पहुंचा। चौधरी ने कहा कि यह उनके खाने के बारे में एक छोटा मुद्दा था।
स्थिति अब नियंत्रण में है। कुछ प्रवासियों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एनजीओ द्वारा उन्हें दिया जा रहा खाना उनके स्वाद के अनुसार नहीं है, क्योंकि वे मसालेदार और सामिष (नॉन-वेज) खाना पसंद करते हैं। इससे पहले बुधवार को पंडोल औद्योगिक क्षेत्र में भी सैकड़ों प्रवासी कामगारों ने इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।