लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया, "पीएम चुप क्यों हैं? वह क्यों छिप रहे हैं? बस बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ है। चीन की हिम्मत कैसे हुई हमारे सैनिकों को मारने की? उनकी हिम्मत कैसे हुई हमारी जमीन लेने की?"
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए, जबकि भारतीय सेना के पलटवार में 43 चीनी सैनिक मारे गए था घायल हो गए।
लद्दाख के मसले पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर दुख जताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हम सब साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, ''लद्दाख की गलवान घाटी में हमारी सेना के अधिकारी और जवानों की शहादत पर बहुत दुख और गहरी पीड़ा हुई है। उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन है. उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम सब साथ खड़े हैं।
पढ़ें गलवान घाटी में हुआ क्या था
गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान हिंसक टकराव हो गया. इस दौरान भारतीय सेना के बी. संतोष बाबू और दो जवान शहीद हो गए। बाद में 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर घायल हो गए थे, ने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि कमांडिंग अफसर कर्नल बी. संतोष बाबू, दो जवानों के साथ समकक्ष चीनी अफसरों के साथ गतिरोध से जुड़ी वार्ता करने पहुंचे थे। वार्ता के दौरान ही चीनी सैनिक उग्र हो गए। उन्होंने तीनों पर पत्थरों, डंडों और लोहे की छड़ों से हमला कर दिया, जिसमें वे शहीद हो गए। इसके बाद भारतीय सेना ने जबरदस्त पलटवार किया। सरकार और सेना के कई सूत्रों ने बताया कि हिंसक झड़प कई घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक इसमें कम से कम 43 चीनी सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हो गए। चीनी सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन पीएलए के हेलिकॉप्टर चीनी सैनिकों के शव और घायलों को ढोते देखे गए हैं।