जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव: पाकिस्तानी बहुओं की किस्मत की पेटी फिलहाल स्ट्रांग रूम में बंद, जानिए कारण

By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 23, 2020 01:42 PM2020-12-23T13:42:35+5:302020-12-23T16:24:32+5:30

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकर गठबंधन 280 में से 112 सीटों पर या तो जीत दर्ज कर चुका है या आगे चल रहा है। वहीं भाजपा 73 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

Jammu Kashmir DDC election result 2020 Pakistani bahu box  currently closed strong room | जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव: पाकिस्तानी बहुओं की किस्मत की पेटी फिलहाल स्ट्रांग रूम में बंद, जानिए कारण

 केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवम्बर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ। (file photo)

Highlightsचुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है।गुपकर गठबंधन ने 100 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और 12 पर आगे चल रहा है।अभी तक 47 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है और छह सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।

जम्मूः कश्मीर में उन दो पाकिस्तानी बहुओं की किस्मत की पेटी को फिलहाल स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया है, जिन पर पाकिस्तानी नागरिक होने का आरोप लगा है, अब प्रशासन ने मतगणना रोक दी है।

जब उन्होंने चुनाव के लिए पर्चा भरा था तब इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई थी। अब प्रशासन कह रहा है कि उन्होंने यह बातें अपने दस्तावेजों में छुपाई थीं। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में द्रगमुल्ला व हाजिन में डीडीसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतों की गिनती मंगलवार को एक उम्मीदवार की राष्ट्रीयता के मुद्दे के कारण रोक दी गई।

एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ रह रही हैं...

सोमैया सदाफ जो एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ यहां रह रही हैं। सौमैया ने मीडिया कर्मियों को बताया कि उसकी राष्ट्रीयता के मुद्दे के कारण मतगणना रोक दी गई है। उसने कहा कि जब उसने नामांकन पत्र दाखिल किया तो कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन अब वे मेरी राष्ट्रीयता का मुद्दा उठा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर हाजिन-ए में भी मतगणना की प्रक्रिया को रोक दिया गया, क्योंकि उम्मीदवार शाजिया पीओके से हैं, जिसने एक कश्मीरी से शादी की थी, जो वहां आतंकी बनने के लिए हथियारों के प्रशिक्षण के लिए गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब तक इस मुद्दे को हल नहीं किया जाता तब तक बैलट बाक्स को प्रोटोकाल के अनुसार स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा।

डीडीसी चुनावों की घोषणा हुई थी तो इसे बदलाव की बयार कहा जा रहा था

प्रदेश में जब डीडीसी चुनावों की घोषणा हुई थी तो इसे बदलाव की बयार कहा जा रहा था क्योंकि एक बार फिर दो पाकिस्तानी बहुएं कश्मीर के चुनाव मैदान में थीं। पहले भी वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनावों में कश्मीर में दो पाकिस्तानी बहुएं पंच और सरपंच चुनी गई थीं। हालांकि तब पुंछ में एक पाकिस्तानी बहू को पंचायत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।

पाक कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद की सोमैया लतीफ सीमांत जिले कुपवाड़ा के द्रगमुला निर्वाचन क्षेत्र से सात दिसम्बर को चौथे चरण में जिला परिषद के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है।मुजफ्फराबाद की सोमैया लतीफ पुनर्वास नीति के तहत अपने पति के साथ कश्मीर आई थीं, जोकि आतंकवाद में शामिल होने के लिए सीमा पार पाकिस्तान हथियारों की ट्रेनिंग लेने गया था।

इस पुनर्वास नीति के तहत सरकार ने उन युवाओं को वापस आकर मुख्यधारा में शामिल होने का मौका दिया, जो एलओसी पार कर आतंकवाद में शामिल होने गए थे। इससे पहले वर्ष 2018 के नवम्बर महीने में सीमा पार से लौटे दो आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियां कश्मीर में बतौर पंच और सरपंच चुनी गईं थीं। जबकि तब पुंछ के मंडी इलाके में एक पाकिस्तानी बहू को प्रशासन ने पंचायत चुनाव लड़ने से ही रोक दिया था।

Web Title: Jammu Kashmir DDC election result 2020 Pakistani bahu box  currently closed strong room

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