जहानाबाद विधानसभा उपचुनाव 2018: RJD के इमोशनल कार्ड का तोड़ JDU ने ढूंढ़ लिया है
By खबरीलाल जनार्दन | Published: March 8, 2018 07:49 AM2018-03-08T07:49:59+5:302018-03-10T08:25:47+5:30
Jehanabad Bypoll 2018: बिहार के मगध क्षेत्र के इस इलाके में ब्रह्मर्षि समाज वोटर का प्रभुत्व है। लेकिन पूरे इलाके में एक भी विधायक इस समाज से नहीं है। जेडीयू ने इसी पर दांव लगा दिया है।
लालू प्रसाद यादव के जेल जाने और महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के लिए यह पहला चुनाव है। और मुकाबला पिछले चुनाव में सहयोगी रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से है, जिसके लिए पिछली बार जेडीयू ने अपना उम्मीदवार ही नहीं उतारा था। फिलहाल यह सीट आरजेडी की है। विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद अब आरजेडी ने उनके बेटे सुदय यादव को यहां से खड़ा किया है। जाहिर है ऐसे में आरजेडी को सहानुभूति फैक्टर का लाभ मिलेगा।
लेकिन जेडीयू ने इसका तोड़ निकाला है। बिहार के मगध क्षेत्र के इस इलाके में ब्रह्मर्षि समाज वोटर का प्रभुत्व है। लेकिन पूरे इलाके में एक भी विधायक इस समाज से नहीं है। ऐसे में जेडीयू ने बिरादरी फैक्टर खेलते हुए अभिराम शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर जल संसाधन मंत्री ललन सिंह का सीट पर जोरदार प्रचार जेडीयू की सीट पर खास नजर को जाहिर करता है।
जेडीयू को चुनाव चिह्न को लेकर हुई सी परेशानी
जहानाबाद सीट पर जेडीयू का चुनाव निशान 'तीर' है। लेकिन इसी सीट पर शिव सेना के प्रत्याशी को इससे मिलता-जुलता चुनाव निशान मिल गया था। साथ ही एक निर्दलीय प्रत्याशी ने शिव सेना की तरह ही तीर-धनुष सिंबल की मांग की थी। इसके कारण मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना थी। लेकिन आयोग ने शिव सेना के प्रत्याशी को एयरकंडीशन दिया और निर्दलीय उम्मीदवार की मांग भी ठुकरा दी। अब जाकर जेडीयू ने राहत की सांस ली है। क्योंकि जहानाबाद में चुनाव प्रचार में लगे प्रमोद चंद्रवंशी का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू के करीब आधा दर्जन प्रत्याशी इस भ्रम के कारण हारे थे।
विधानसभा चुनाव 2015 में क्या हुआ था
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) आमने सामने थे। एनडीए के रालोसपा के प्रत्याशी और महागठबंधन की तरफ से आरजेडी के प्रत्याशी में सीधी टक्कर हुई थी। इसमें आरजेडी के मुन्द्रिका सिंह यादव जीत दर्ज की थी। तब एनडीए के रालोसपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार को 46,137 वोट और आरजेडी के मुन्द्रिका सिंह यादव को 76,458 वोट मिले थे।
इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के अभिराम शर्मा ने ही इस सीट पर आरजेडी के सच्चितानंद यादव को हराया था। उस वक्त अभिराम शर्मा को 35,508 और आरजेडी के सच्चितानंद यादव को 26,941 वोट मिले थे। लेकिन इस बार गणित पूरी तरह से बदल गई है।
जहानाबाद उपचुनाव 2018 के प्रत्याशी
1. कुमार कृष्णा मोहन एलियास सुदय यादव, आरजेडी
2. अभिसार शर्मा, जेडीयू
3. अर्चना मिश्रा, शिव सेना
4. आनंद कुमार, क्रांतिकारी विकास दल
5. कुंती देवी, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी, लेनिनवादी) लिबरेशन
6. महेश कुमार, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी
7. अमूल कुमार, निर्दलीय
8. कुमारी कुसुम, निर्दलीय
9. ब्रीजनंदन सिंह, शोषित समाज दल
10. धंनंजय कुमार, निर्दलीय
11. प्रकाश कुमार, निर्दलीय
12. मनी भूषण शर्मा, निर्दलीय
13. मिथिलेश कुमार सिंह, निर्दलीय
14. मो. सुल्तान अहमद, निर्दलीय
वर्तमान में अगर यहां सीट आरजेडी की है और दिवंगत विधायक मुन्द्रिका सिंह यादव की क्षेत्र में अच्छी पकड़ बताई जाती है। उनकी छवि एक साथ-सुथरे नेता के रूप में थी। इसका लाभ उनके बेटे को मिल सकता है। लेकिन क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाली एनडीए की सहयोगी पार्टी रालोसपा इस बार जेडीयू को समर्थन दे रही है। इससे चुनाव और दिलचस्प हो गया है।