बिहार चुनावः CM नीतीश कुमार से मिले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, मैंने अभी तक चुनाव लड़ने पर कोई निर्णय नहीं लिया
By रामदीप मिश्रा | Published: September 26, 2020 02:09 PM2020-09-26T14:09:37+5:302020-09-26T14:09:37+5:30
पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी। पांडेय ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया था।
पटनाः बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय के चुनाव लड़ने की अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं। राजनीतिक गलियारों में उनके जेडीयू में जाने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच शनिवार को पांडेय सूबे के मुख्यमंत्री व जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार से मिले हैं। हालांकि उन्होंने अपनी इस मुलाकात को चुनाव के संबंध में नहीं होना बताया है।
गुप्तेश्वर पांडेय से संवाददाताओं ने सवाल किया कि क्या वह राजनीतिक पार्टी में शामिल हो रहे हैं, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं यहां सीएम नीतीश कुमार से मिलने आया था और उनका धन्यवाद दिया है क्योंकि उन्होंने मुझे डीजीपी के रूप में अपने कर्तव्यों की सेवा करने की पूरी आजादी दी। मैंने अभी तक चुनाव लड़ने पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय घोषणा कर चुके हैं कि अगर मौका मिला तो वह चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वह राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं। पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी। पांडेय ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया था।
I came here to meet CM Nitish Kumar & to thank him as he gave me absolute freedom to serve my duties as DGP. I have yet not taken any decision on contesting polls: Gupteshwar Pandey, former Bihar DGP on being asked about him joining a political party, ahead of #BiharElections2020pic.twitter.com/EkqiqDM9HT
— ANI (@ANI) September 26, 2020
सोशल मीडिया पर "मेरी कहानी मेरी जुबानी" शीर्षक के तहत लोगों के साथ संवाद करते हुए गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था, 'अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता हैं और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला-बढ़ा हूं। राजनीति में आने का अब मेरा मन हो गया है। अब स्थिति ऐसी बन गयी है कि मुझे लगता है कि अब इसमें आ जाना चाहिए।
गुप्तेश्वर ने कहा था, 'राजनीति में मेरे आने से इतनी परेशानी क्यों हो रही है और इसे सुशांत सिंह राजपूत के मामले से लोग क्यों जोड़ रहे हैं। मैंने उस मामले में जो भी किया कानूनी हैसियत और राज्य के पुलिस महानिदेशक की हैसियत से किया, जो इस पद आसीन रहने वाले को बिहार के स्वाभिमान के लिए करना चाहिए। हमारी लड़ाई किसी मराठी या महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति से नहीं है क्योंकि हमें बहुत से मराठी भाइयों ने फोन करके कहा कि आपको सुशांत को न्याय दिलाने के लिए लड़ना चाहिए। इस मामले में लड़ाई मुठ्ठी भर उन लोगों से है जिनके निहित स्वार्थ हैं और ऐसे ही लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश करते हैं तथा सुशांत मामले से मेरे वीआरएस को जोड़ने की कोशिश करते हैं।’