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हरियाणा भाजपा को जल्द मिल सकता है नया अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर प्रमुख दावेदार,कई लोग दौड़ में

By भाषा | Updated: July 1, 2020 18:46 IST

हरियाणा भाजपा को जल्द नया अध्यक्ष मिल सकता है। सुभाष बराला का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इस दौर में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर सबसे आगे हैं।

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ठळक मुद्देमौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुभाष बराला का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और पार्टी जल्द नये अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी, हिसार के विधायक कमल गुप्ता तथा प्रदेश महासचिव संदीप जोशी के नाम भी चल रहे हैं। गुर्जर इससे पहले भी 2009 से 2013 तक हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई थी।

चंडीगढ़ः भाजपा की हरियाणा इकाई को जल्द नया अध्यक्ष मिल सकता है और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

फरीदाबाद लोकसभा से सांसद गुर्जर इस समय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री हैं। मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुभाष बराला का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और पार्टी जल्द नये अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार गुर्जर को इस पद के लिए पार्टी आलाकमान की पहली पसंद माना जा रहा है।

हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ओ पी धनखड़ तथा कैप्टन अभिमन्यु के नाम भी दौड़ में माने जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी, हिसार के विधायक कमल गुप्ता तथा प्रदेश महासचिव संदीप जोशी के नाम भी चल रहे हैं।

गुर्जर इससे पहले भी 2009 से 2013 तक हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात कर प्रदेश इकाई के नये अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर चर्चा की थी। 

राज्यसभा के लिए निर्वाचित पर आंध्र के उपमुख्यमंत्री व एक मंत्री ने इस्तीफा दिया

आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पी सुभाषचंद्र बोस और मंत्री मोपीदेवी वेंकट रमण ने बुधवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। वाईएसआर कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी। दोनों 19 जून को राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। दोनों नेताओं ने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

कानून के अनुसार राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद वे 14 दिनों से अधिक समय तक विधान पार्षद नहीं रह सकते। इसलिए बोस और रमण ने इस्तीफा दे दिया। विधान पार्षद के रूप में बोस और रमण के इस्तीफे तुरंत स्वीकार कर लिए गए हैं और विधानमंडल सचिव पी बालाकृष्णमचार्युलु ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है कि विधायकों कोटे के तहत दो सीटें खाली हो गयी हैं।

बोस का कार्यकाल 29 मार्च 2021 तक था जबकि रमण मार्च 2023 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि दोनों ने मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को भेज दिए हैं। लेकिन उनके स्वीकार किए जाने के बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। बोस के पास राजस्व विभाग था जबकि रमण पशुपालन और मत्स्य विभाग के मंत्री थे।

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