हरियाणा विधानसभा चुनावः भाजपा ने 38 MLA पर फिर लगाया दांव, 8 के टिकट कटे, देवीलाल के पोते आदित्य डबवाली से मैदान में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2019 08:10 PM2019-09-30T20:10:40+5:302019-09-30T20:10:40+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पार्टी में हाल में शामिल हुए कुछ खिलाड़ियों को भी टिकट दिए गए हैं। पहलवान बबीता फोगाट, पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह, ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त को क्रमश: दादरी, पिहोवा और बरोदा से उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा ने हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपने 78 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करनाल से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
आठ मौजूदा विधायकों के टिकट पार्टी ने काट दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पार्टी में हाल में शामिल हुए कुछ खिलाड़ियों को भी टिकट दिए गए हैं। पहलवान बबीता फोगाट, पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह, ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त को क्रमश: दादरी, पिहोवा और बरोदा से उम्मीदवार बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने 90 सदस्यीय विधानसभा में चुनाव के लिए 38 विधायकों को फिर से टिकट दिया है और उनमें से सात के टिकट काट दिए हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रविवार को हुई थी। खट्टर 2014 में करनाल सीट से चुनाव जीते थे। सिंह ने कहा कि हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला टोहाना, कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद और ओम प्रकाश धनखड़ बादली से चुनाव लड़ेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाट नेता बिरेंद्र सिंह की विधायक पत्नी उचाना कलां से चुनाव लड़ेंगी। इस सीट पर 2014 में उन्होंने जीत हासिल की थी। देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल डबवाली से चुनाव लड़ेंगे। उम्मीदवारों में नौ महिलाएं और दो मुस्लिम हैं।
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख चार अक्टूबर है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी खेमे के बिखरे रहने के कारण भाजपा एक बार फिर राज्य में बड़ी जीत के साथ सत्ता में लौटने को लेकर आश्वस्त है। ‘मोदी लहर’ के सहारे पार्टी ने 2014 में पहली बार 47 सीटें जीती थी।
पहले भगवा पार्टी, गैर कांग्रेसी सरकारों में जूनियर सहयोगी की भूमिका में रहती थी और अग्रणी ताकत के तौर पर कभी उसे नहीं देखा जाता था। सत्ता में आने के बाद से उसने अपनी स्थिति और मजबूत की। प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल की आंतरिक कलह के कारण भी चुनावों में उसे सहायता मिली।
भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद आगामी चुनाव में पार्टी को और बढ़त मिलेगी। भाजपा को विश्वास है कि पार्टी को खट्टर की ‘बेदाग’ छवि का भी फायदा मिलेगा क्योंकि भ्रष्टाचार के कोई आरोप उनकी सरकार पर नहीं लगे।
शीर्ष पद के लिए एक बार फिर वह पार्टी की पसंद हैं। उस समय मुख्यमंत्री पद के लिए खट्टर के नाम से बहुतों को हैरानी हुई थी। लंबे समय तक जाट समुदाय के दबदबे वाले राज्य में वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा को गैर जाट वोटों के एकजुट होने का भी फायदा मिला था । हालांकि, पार्टी इस बार जाट समुदाय का भी भरोसा जीतने की उम्मीद कर रही है।
भाजपा ने जींद की पांचों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किये
कभी इनेलो का गढ़ रहे जींद की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान सोमवार को कर दिया। भाजपा ने अपने दो मौजूदा विधायकों जींद से डॉ. कृष्ण मिड्ढा व उचाना से केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता पर पुन: भरोसा जताया है जबकि जुलाना से निवर्तमान विधायक परमेंद्र ढुल तथा सफीदों से पूर्व विधायक बचन सिंह आर्य को चुनाव मैदान में उतार दिया है।
नरवाना आरक्षित से महिला नेत्री संतोष दनौदा को चुनाव रण में उतारा गया है। जींद से मौजूदा विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा ने जनवरी माह में हुए उपचुनाव में कांग्रेसी दिग्गज रणदीप सुरजेवाला को मात देकर पहली बार यहां भाजपा का खाता खोला था। इसी तरह उचाना विधानसभा क्षेत्र में भी वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला को मात देकर पहली बार कमल खिलाने का काम किया था। जिले से पहली महिला विधायक बनने के साथ-साथ हलके से भी पहली बार महिला विधायक बनी थी।