गोवा में लगातार बीजेपी-कांग्रेस की तकरार जारी है। इसी बीच गोवा में कांग्रेस के दो विधायकों ने मंगलवार को राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने यह जानकारी दी। दो विधायकों का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि अब 40 सदस्यीय विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या 16 से घटकर 14 हो गई है और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा भी उससे छिन गया है।
एएनआई के मुताबिक कांग्रेस के विधायक सुभाष शिरोडकर ने बताया कि वह आज बीजेपी जॉइन करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ कांग्रेस के दो-तीन विधायक जल्द ही भप में शामिल होंगे। बता दें कि जब गोवा कांग्रेस के दो विधायक दयानंद सोप्ते और सुभाष शिरोडकर मंगलवार को दिल्ली पहुंचे हैं। यहां उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की।दोनों कांग्रेसी विधायकों के दिल्ली रवाना होने से कुछ देर पहले राणे भी राष्ट्रीय राजधानी रवाना हुए थे।
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ए चेल्लाकुमार ने दावा किया है कि गोवा की बीजेपी सरकार में मंत्री विश्वजीत राणे अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन को तोड़कर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे।
बहरहाल, राणे ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। चेल्लाकुमार ने दावा किया कि दो महीने पहले तक राणे इस मुद्दे पर उनके संपर्क में थे।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राणे वालपोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो गए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ए चेल्लाकुमार ने सोमवार रात बताया, 'सत्ताधारी पक्ष के कई लोग मेरे संपर्क में थे। हमारे दोस्त विश्वजीत राणे अक्सर मुझे फोन करते थे और उनमें डर था। । । उन्होंने दो महीने पहले भी मुझसे बात की थी।'
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि राणे कहते थे कि वह कांग्रेसी हैं और हमेशा कांग्रेसी ही रहेंगे। वह 'बीजेपी को तोड़ देंगे' और कांग्रेस में वापस आ जाएंगे।
इन दावों को खारिज करते हुए राणे ने कहा कि चेल्लाकुमार 'हताश इंसान' हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी के लोगों को एकजुट नहीं रख पा रहे।
बीजेपी नेता राणे ने कहा, 'मेरा उनसे (चेल्लाकुमार से) कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने (कांग्रेस ने) तो उच्चतम न्यायालय तक में मेरे खिलाफ (अयोग्यता का) केस कर रखा है। मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है और मैंने कभी उनसे संपर्क नहीं किया। हालांकि, उन्होंने मुझसे संपर्क की कोशिश जरूर की।'
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के लंबे समय से अस्वस्थ होने की वजह से गोवा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यहां पर्रिकर के निजी आवास पर गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं।
गोवा की 40 सदस्यों वाली विधानसभा में पर्रिकर सरकार को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें भाजपा के 14, जीएफपी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायक हैं जबकि तीन विधायक निर्दलीय भी हैं।
कांग्रेस गोवा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके 16 विधायक हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)