पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जीः पीएम मोदी बोले-विद्वान, उच्च कोटि के राजनीतिक थे, उनका मार्गदर्शन कभी भूल नहीं पाऊंगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 31, 2020 08:17 PM2020-08-31T20:17:20+5:302020-08-31T20:17:20+5:30
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘उनके परिवार, मित्रों और देश भर में उनके प्रशंसकों व समर्थकों के प्रति मेरी संवेदानाएं है। ओम शांति।’’ मोदी ने कहा कि साल 2014 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली के लिए बिल्कुल नए थे।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि का राजनीतिक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पहले दिन से उन्हें उनका मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मुखर्जी का आज यहां एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया । वह 84 वर्ष के थे। मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘उनके परिवार, मित्रों और देश भर में उनके प्रशंसकों व समर्थकों के प्रति मेरी संवेदानाएं है। ओम शांति।’’ मोदी ने कहा कि साल 2014 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली के लिए बिल्कुल नए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिन से मुझे मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके साथ अपनी यादों को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर उनका ज्ञानपूर्ण परामर्श मैं कभी भी नहीं भूल पाऊंगा।’’ प्रधानमंत्री ने मुखर्जी के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। इनमें से एक तस्वीर में वे मुखर्जी के पैर छूकर प्रणाम करते दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत आज दुखी है। देश के विकास में वह अमिट छाप छोड़ गए हैं। वे एक सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ थे जिनकी प्रशंसा सभी राजनीतिक दल और समाज के सभी वर्गों में होती है।’’
उन्होंने कहा कि अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर के दौरान प्रणब मुखर्जी ने आर्थिक और रणनीतिक जैसे प्रमुख मंत्रालयों में दीर्घकालिक योगदान दिए। प्रधानमंत्री ने उन्हें एक ‘‘उत्कृष्ट’’ सांसद बताया जो हमेशा पूरी तैयारी में रहते थे, गजब के वक्ता थे और साथ ही हाजिर जवाब भी।
उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति भवन तक आम आदमी की पहुंच सरल बना दी। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति भवन को उन्होंने ज्ञान, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया।’’ पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को दिल्ली छावनी स्थित अस्पताल में गत 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी। मुखर्जी को बाद में फेफड़ों में संक्रमण हो गया। वह 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे।
India grieves the passing away of Bharat Ratna Pranab Mukherjee. He has left an indelible mark on the development trajectory of our nation. A scholar par excellence, a towering statesman, he was admired across the political spectrum & by all sections of society: PM Narendra Modi pic.twitter.com/3lTkvfaGN1
— ANI (@ANI) August 31, 2020
मुखर्जी ने कई भूमिकाओं में कर्मठता, प्रतिबद्धता से देश सेवा की: नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने कई भूमिकाओं में कर्मठता से देश की सेवा की और सभी दलों में उनके प्रशंसक थे। नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ प्रणब मुखर्जी के निधन से बहुत दुख पहुंचा है।
उन्होंने कई भूमिकाओं में कर्मठता और प्रतिबद्धता के साथ देश सेवा की। उनकी बुद्धिमत्ता और दृढ़ता के प्रशंसक सभी दलों में थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’ पांच दशकों तक सार्वजनिक जीवन में रहे मुखर्जी पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। सोमवार शाम उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में अंतिम सांस ली।
वह 84 वर्ष के थे। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। वह भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त व वाणिज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने इंदिरा गांधी, पी वी नरसिंह राव और मनमोहन सिंह जैसे प्रधान मंत्रियों के साथ काम किया।