कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने कनकपुरा में कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की मां से मुलाकात की।
डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने 3 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। रोते हुए मां ने अपना दुखड़ा एचडी कुमारस्वामी को सुनाया। मालूम हो कि धनशोधन मामले में 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में हैं।
शिवकुमार धनशोधन मामले में 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेजे गए
दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के नेता डी के शिवकुमार को 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजने का बुधवार को आदेश दिया।
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने कहा, “आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। अपराध की प्रकृति के मद्देनजर यह जांच मेरे विचार में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने को उचित ठहराएगी।” न्यायाधीश ने कहा, “उनका सामना अपराध सिद्ध करने वाली सामग्रियों से और मामले के अन्य अहम पहलुओं से कराना है जो धन के स्रोत और अन्य संपत्तियों एवं खातों में उनकी दिलचस्पी से जुड़ा हुआ है। इसलिए मैं आरोपी की हिरासत, प्रवर्तन निदेशालय को सौंपे जाने का उचित मामला मानता हूं।”
अदालत ने ईडी की मांग पर यह आदेश दिया जिसने शिवकुमार को 14 दिन की हिरासत में लेकर पूछताछ करने संबंधी याचिका दायर की थी। एजेंसी ने दावा किया था कि वह जांच से कतरा रहे हैं और उसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं तथा महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी आय में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई।
शिवकुमार को मंगलवार की रात गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चिकित्सीय जांच के बाद 57 वर्षीय कांग्रेस नेता को अदालत में पेश किया गया। ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए शिवकुमार के वकील ने कहा कांग्रेस नेता से पहले ही 33 घंटों तक पूछताछ की जा चुकी है और उनके भाग जाने का कोई खतरा नहीं है।
अदालत के आदेश सुनाने के बाद शिवकुमार के वकील ने कांग्रेस नेता को उनके समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील करने की इजाजत देने का अनुरोध किया, जो बड़ी संख्या में अदालत के बाहर मौजूद थे। अदालत ने इजाजत देने से इनकार कर दिया और जांच अधिकारी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शिवकुमार ऐसा न कर पाएं। हालांकि, उन्होंने शिवकुमार को अदालत कक्ष में ही अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी।
बहस के दौरान शिवकुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और दायन कृष्णन ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने संबंधी ईडी की याचिका का यह कह कर विरोध किया कि वह जांच में शामिल हुए और कभी भी फरार नहीं हुए। उनके वकील ने दावा किया कि शिवकुमार को आज खाना नहीं दिया गया और यह ईडी द्वारा “धीरे-धीरे दी जाने वाली यातना” है। सिंघवी ने कहा कि पुलिस रिमांड अपवाद है और इसे विवेकहीन तरीके से नहीं दिया जा सकता और शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की याचिका दुराग्रह से भरी हुई है।
वह ईडी की दलीलों का विरोध कर रहे थे जिसने अदालत से कहा कि आय कर की जांच और कई गवाहों के बयानों से शिवकुमार के खिलाफ ‘‘अपराध साबित करने वाले साक्ष्यों” का खुलासा हुआ है। ईडी ने कहा कि शिवकुमार का आमना-सामना कई दस्तावेजों से कराना होगा और अवैध संपत्तियों के खुलासे के लिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है। एजेंसी ने कहा कि शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह कुछ तथ्यों से अवगत हैं तथा उन्होंने जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की।