बोलें पूर्व CM जीतन राम मांझी, 'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं'
By एस पी सिन्हा | Updated: November 24, 2018 19:52 IST2018-11-24T19:52:54+5:302018-11-24T19:52:54+5:30
उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी अभी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। वो कभी मल्लाहों के नेता मुकेश सहनी से तो कभी रालोसपा के बागी संसद अरुण कुमार के साथ बैठक कर राजनीतिक गलियारे में हडकंप मचाये हुए हैं।

बोलें पूर्व CM जीतन राम मांझी, 'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं'
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला जमकर हमला बोला है। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा है कि "ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं।" वहीं, भाजपा पर तंज कसते हुए मांझी ने कहा है कि "काहिल मन का एक धारा राम नाम को है पुकारा।" जिसने कुछ किया नहीं, कुछ करना नहीं चाहता वो राम नाम पर अपना बेडा पार करने में जुटे हैं।
जीतन राम मांझी ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा आज हर मुद्दे पर विफल है। महंगाई आसमान पर है। डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता जा रहा है। डीजल, पेट्रोल तथा गैसों के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसे में भाजपा अपने एक मात्र विकल्प धार्मिक उन्माद फैला कर वोट हासिल करना चाह रही है। वहीं, बिहार की गिरती कानून व्यवस्था और स्त्री अस्मिता को लेकर बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार पर मांझी जम कर बरसे। उन्होंने बताया कि मेरे कार्यकाल में शुरु हुए अधिकतम योजनाओं का नाम बदला जा रहा है। नीतीश को यह डर था कि अगर यह अनुसूचित जाति का व्यक्ति अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रह गया तो हमारे सारे भेद खुल जायेंगे।
मांझी ने बातचीत के क्रम में यह भी बताया कि नीतीश कुमार ने दशरथ मांझी को भी सम्मान नहीं दिया। तेजस्वी यादव का बंगला खाली कराने के मसले पर उन्होंने कहा कि चुकी मामला न्यायालय में है बिहार सरकार को जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए। इसके साथ ही मांझी ने आरोप लगाया कि नीतीश ने लालू, शरद, दिग्विजय सिंह, जॉर्ज फर्नांडिश और मुझे छोड दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर हम कुछ दिन और सत्ता में रह जाते तो पांच एकड तक कि भूमि वाले किसानों का बिजली बिल माफ कर देते। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश की मंशा थी कि वो एक मुसहर के बेटे को मुख्यमंत्री बनाकर पीछे से अपना काम करवाऐंगे।
मांझी ने कहा कि आज के समय में अगर देखा जाए तो मुजफ्फरपुर कांड हो या बैंकों में घोटाले की बात हो, तो वर्तमान सरकार हर मोड पर विफल साबित हो रही है। उन्होंने नीतीश के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को घोटालेबाजों की सरकार करार दिया। बकौल मांझी, आज महिलाएं सुरक्षित नहीं है और जहां-तहां बच्चियों के नर कंकाल भी बरामद हो रहे हैं। यहां तक कि नीतीश कुमार ने दशरथ मांझी के नाम से शुरू किए गए योजनाओं को नाम बदलने का काम किया है, लेकिन मुख्यमंत्री रहते हुए विकास का ऐसा कोई भी काम नहीं जिसे समय रहते हमने पूरा नहीं किया हो।
उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी अभी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। वो कभी मल्लाहों के नेता मुकेश सहनी से तो कभी रालोसपा के बागी संसद अरुण कुमार के साथ बैठक कर राजनीतिक गलियारे में हडकंप मचाये हुए हैं। मांझी ईन बैठकों का मकसद क्या है, इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। मन जा रहा है कि मांझी लोक सभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों के लिए राजद पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत छोटे बडे सभी दलों के नेताओं से मिलकर तीसरा मोर्चा बनाए जाने की संभावना भी तलाश रहे हैं।