BJP नेता व पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले, नए कृषि कानून पर किसानों से पूछकर फैसला ले सरकार
By अनुराग आनंद | Published: February 17, 2021 10:03 AM2021-02-17T10:03:41+5:302021-02-17T10:12:41+5:30
बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेन्द्र सिंह इस समय हिसार से भाजपा सांसद हैं। इससे पहले भी भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में धरने में शामिल हुए थे।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को इस मामले को सुलझाने के लिए आंदोलनकारी किसानों से बातकर तीनों विवादास्पद नए कृषि कानून पर फैसला लेना चाहिए।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरा एक सुझाव है कि नरेंद्र मोदी सरकार को तीनों नए कृषि कानून पर फैसला लेने का अधिकार अब किसानों को सौंपने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को मेरा सुझाव है कि वह किसानों से बातकर घोषणा करे कि फिलहाल तीनों कानून वापस लेते हैं और देशभर के किसानों से बातकर उनकी राय लेने के बाद कृषि में बदलाव के लिए नया कानून लाएंगे।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार और किसान आपस में बैठकर बात कर एक फैसला लें, इसी तरह से इस मुद्दे का हल निकलेगा। पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर कोई (सरकार में) मेरे सुझाव को स्वीकार करता है, तो इस मसले का हल बहुत आसान है।
जींंद के एक कार्यक्रम में किसानों के समर्थन में दिखे भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह-
बीरेंद्र सिंह किसान नेता सर छोटू राम को उनकी जयंती पर किसान आंदोलन के समर्थन में नरवाना (जींद) में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इसी सभा में बीरेंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए यह बातें कही हैं। बीरेंद्र सिंह सर छोटू राम के पोते हैं, जो ब्रिटिश शासन के दौरान कृषक समुदाय के अधिकारों के लिए अंग्रेजों तक से लड़े थे। बीरेंद्र सिंह के बेटे, बृजेन्द्र सिंह, हिसार से भाजपा सांसद हैं। इससे पहले भी, पूर्व मंत्री आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में धरने में शामिल हुए थे।
बीरेंद्र सिंह ने अमेरिका के किसानों की कहनी सुनाकर सरकार को चेतावनी दी-
भारत सरकार को एक तरह से चेतावनी देते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों से सरकार को टकराना नहीं चाहिए। एक किस्से को सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में, 44 साल (पहले) केवल 1,500 किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर आए थे, इसके बाद अमेरिकी सरकार को अपने कानून में संशोधन करना पड़ा था। भारत में हाल के दिनों में लाखों ट्रैक्टर सड़क पर आए, जिसका पहले आप कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन, इसके बाद भी कृषि कानून को लेकर सरकार के रवैये पर बीरेंद्र सिंह ने निशाना साधा है।
किसान ही नहीं अब इस कानून से उपभोक्ताओं को भी प्रभावित होने का डर सताने लगा है-
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने अगर इस आंदोलन को नजरअंदाज किया तो इससे उन्हें नुकसान ही होने वाला है। इस आंदोलन का आकार धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। अब तक, हम यह सोच रहे थे कि यह केवल किसानों का आंदोलन है, लेकिन अब उपभोक्ताओं को भी आशंका होने लगा है कि वे (कृषि कानूनों के कारण) गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। यह अब एक जन आंदोलन के रूप में उभरा है। मेरा मानना है कि इसका शुरुआती समाधान राष्ट्र के किसानों से बातकर सरकार को जल्द निकालना चाहिए।