AK को EC का झटकाः 'लाभ का पद' मामले में जा सकती है आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 19, 2018 02:36 PM2018-01-19T14:36:46+5:302018-01-19T15:52:00+5:30

'लाभ का पद' मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता पर इलेक्शन कमीशन ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी सुप्रीम कोर्ट में लगाएगी गुहार।

Election Commission disqualifies 20 AAP MLAs for holding 'office of profit', key points to know | AK को EC का झटकाः 'लाभ का पद' मामले में जा सकती है आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता

AK को EC का झटकाः 'लाभ का पद' मामले में जा सकती है आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता

आम आदमी पार्टी पर संकट के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने लाभ का पद मामले में 20 विधायकों की सदस्यता खत्म करने पर बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए आयोग ने राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी है। आम आदमी पार्टी ने इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था जिसके बाद से इनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी का मानना है कि इसका फैसला चुनाव आयोग नहीं कर सकता। इसका फैसला अदालत में किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी आज दोपहर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।

इलेक्शन कमीशन का कहना है कि आम आदमी पार्टी विधायकों की सदस्यता अदालत में विचाराधीन है। इसलिए राष्ट्रपति को इस संबंध में क्या सिफारिश भेजी गई है इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।


कैसे शुरू हुआ लाभ के पद का पूरा मामला

इस वक्त दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास 66 विधायक हैं। 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त होने के बाद यह संख्या 46 रह जाएगी। यह पूरा विवाद 29 वर्षीय वकील प्रशांत पटेल की  की एक अर्जी के बाद शुरू हुआ था जिसे उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय में भेजा था। इसमें आम आदमी पार्टी के विधायकों के संसदीय सचिव बनाए जाने पर सवाल उठाए गए थे। इसी अर्जी के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में एक याचिका दाखिल की थी। जिस पर आयोग ने आज फैसला लिया है।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

20 विधायकों की सदस्यता खत्म किए जाने की खबर पर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने नैतिकता के आधार पर केजरीवाल का इस्तीफा मांगा है। बीजेपी नेता नुपुर शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने जिस वादे के साथ वोट हासिल किया उसमें पूरी तरह असफल रहे हैं। 

आम आदमी पार्टी ने क्या दावा किया

20 विधायकों की सदस्यता पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि संसदीय सचिव बनाए जाने के बावजूद उन्हें कोई वेतन-भत्ता नहीं दिया गया। अभी तक जो सारी सुनवाई हुई है वो इस बात हुई थी कि हाईकोर्ट ने निर्णय दिया था कि ये विधायक संसदीय सचिव थे ही नहीं। मोदी जी का कर्ज चुकाने के लिए चुनाव आयुक्त ऐसी कार्रवाई कर रहे हैं।

Web Title: Election Commission disqualifies 20 AAP MLAs for holding 'office of profit', key points to know

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