नई दिल्ली, तीन अक्टूबर: बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है कि आने वाले मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधना सभा चुनाव में किसी भी कीमत पर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा। बसपा चुनावी मैदान में अकेल ही चुनाव लड़ेगा। मायावती ने कहीं-न-कहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को ठहराया है। दिग्विजय सिंह ने मायावती के इस बयान के बाद पलटवार किया है। उन्होंने कहा मायावती का कांग्रेस के साथ गठबंधन ना करने के फैसले के पीछे सीबीआई का दवाब है।
मायावती पर दिया ये बयान
न्यूज एजेंसी एएनआई को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बताया, मैंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं मायावती जी का सम्मान करता हूं और शुरुआत से कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन के पक्ष में रहा हूं। छत्तीसगढ़ में गठबंधन के लिए बातचीत हुई थी लेकिन वह इसके लिए नहीं गई थी। सांसद में भी गठबंधन की वार्ताएं हुईं, उन्होंने 22 उम्मीदवार घोषित किए हैं।
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, कृपया मायावती से पूछे, कि उन्होंने मुझे जिम्मेदार क्यों ठहराया है। जहां तक मेरा संबंध है, मैं मोदी जी, अमित शाह जी, बीजेपी और आरएसएस के सबसे बड़े आलोचकों में से एक रहा हूं। राहुल गांधी हमारे कांग्रेस अध्यक्ष हैं, हम उनके निर्देशों का पालन करते हैं।
राम मंदिर और राफेल पर दिया ये बयान
दिग्विजय सिंह पटना दौरे के दिन ही राम मंदिर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तंज करते हुए कहा कि चुनाव आते ही उन्हें राम मंदिर याद आ जाता है और चुनाव समाप्त होते ही उसे वे भूल जाते हैं।
राफेल लड़ाकू विमान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की मांग करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा- केंद्र सरकार राफेल मामले को लेकर झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार से लगातार राफेल की कीमत पूछ रहा है, ऐसी क्या वजह है कि वह इसकी कीमत नहीं बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छोड़ सकते हैं पार्टी
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले लोकसभा चुनावों से पहले एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का साथ छोड़ सकते हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राजग के घटक जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार सत्ता के बिना नहीं रह सकते और अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता चुनावों से पहले गिरती है तो वह सत्ताधारी गठबंधन से बाहर निकल सकते हैं।
पटना में एक निजी दौरे पर पहुंचे सिंह ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘नीतीश कुमार को पाला बदलने में सिर्फ 24 घंटे लगते हैं। लोकसभा चुनाव छह महीने दूर हैं। पलटी संभव है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस सहयोगी के तौर पर कुमार का स्वागत करेगी, उन्होंने कहा रहस्यमय रूप से राजनीति संभावनाओं का खेल है।
सी पी जोशी के 2013 में बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनने से पहले यह जिम्मेदारी सिंह के पास थी।
राज्य सभा सदस्य सिंह की कुमार की कांग्रेस के खेमे में आने की संभावना को लेकर की गई टिप्पणी कुमार पर निशाना भी हो सकता है जिन्होंने 2013 में भाजपा के साथ अपने 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर कांग्रेस और अपने धुर विरोधी लालू प्रसाद यादव के साथ एक साल बाद महागठबंधन बनाया था, लेकिन पिछले साल वापस राजग में लौट गए।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)