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Coronavirus Update: बिहार प्रशासन ने लॉक की राज्य की सीमाएं, कहा- बाहर से लौट रहे बिहारी लोगों को सीमा पर ही रहना होगा

By एस पी सिन्हा | Updated: March 31, 2020 16:13 IST

बैठक में बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि किसी भी हाल में बाहर से आया कोई भी व्यक्ति बिहार में प्रवेश नहीं कर सकता है। उसे अब हर हाल में सीमाक्षेत्र में बने आपदा राहत केंद्र में ही रहना होगा। उन्होंने कहा कि हर हाल में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा।

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ठळक मुद्देमुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल बॉर्डर पर बड़ी संख्या में फंसे लोग भी फिलहाल बॉर्डर पर ही रहेंगे। किसी भी सूरत में अंदर आने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल बाहर से आने वाले सभी सीमा पर बने राहत केंद्रों में ही रहेंगे।

पटना:बिहार में फैलते कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के खतरे को देखते हुए पटना में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की आज हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि किसी भी हाल में बाहर से आया कोई भी व्यक्ति बिहार में प्रवेश नहीं कर सकता है। उसे अब हर हाल में सीमाक्षेत्र में बने आपदा राहत केंद्र में ही रहना होगा। उन्होंने कहा कि हर हाल में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अब ड्रोन से निगरानी की जाएगी। 

मुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल बॉर्डर पर बड़ी संख्या में फंसे लोग भी फिलहाल बॉर्डर पर ही रहेंगे। इन्हें किसी भी सूरत में अंदर आने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल बाहर से आने वाले सभी सीमा पर बने राहत केंद्रों में ही रहेंगे। यहां बता दें कि बीते 21 दिन में करीब सवा लाख से अधिक लोग देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से बिहार पहुंचे हैं। अब आपदा प्रबंधन विभाग ने उनकी ट्रैकिंग शुरू कर दी है और साथ ही अब बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अब कमान कस ली है। आज से राज्य की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमा को पूरी तरह से सील करने का आदेश जारी कर दिया गया है। 

मुख्य सचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा हो या राज्यों की सीमा, बिहार में लॉकडाउन का पालन हर हाल में किया जायेगा। उन्होंने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि बिहार सरकार को भी इस बात की जानकारी मिली है कि नेपाल बॉर्डर पर भारी संख्या में लोग फंसे हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों को हर हाल में सीमा राहत केंद्रों पर ही रहना होगा। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि अब बिहार के जिलों में समूह में लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जरूरत पडी तो दिल्ली की तरह बिहार में भी ड्रोन से लॉकडाउन पर नजर रखी जाएगी।

यहां बता दें कि नेपाल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले सभी रास्तों को आज से पूरी तरह से सील कर दिया गया है और अब इनसे किसी का भी प्रवेश बिहार में नहीं हो सकेगा। इन सीमाओं से लगी सड़कों से पुलिस अब किसी को आने-जाने नहीं देगी। वहीं, आपातकालीन सेवाओं, राशन, किराना, फल, सब्जी और दवाओं को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है। 

वहीं, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि रविवार और सोमवार की शाम तक बिहार के बॉर्डर पर बहुत सारे लोग आ गए थे और बॉर्डर पर रुकने को तैयार नहीं थे। इसलिए सरकार के आदेश के बाद उन्हें उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया जाएगा। पुलिस की अब पैनी नजर रहेगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली से लोगों का बिहार आना लगातार जारी है। लोगों को आने की जो भी सुविधा मिल रही है, उससे लोग बिहार आ रहे हैं। इन सभी लोगों को जांच के बाद ही अब तक एंट्री दी गई है, लेकिन अब सीमाएं सील होने के बाद उन्हें एंट्री मिलेगी या नहीं ये तो पुलिस के जिम्मे ही है। 

वहीं, घर पहुंचने पर लोगों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि उनके साथ वहां बहुत बुरा व्यवहार किया गया। जिसके बाद उनके पास पैदल वापस लौटने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। संतोष कुमार ने बताया कि जैसे ही देश मे लॉकडाउन लागू हुआ। वे जिस कंपनी में कार्य करते थे, वहां से उन्हें निकाल दिया गया। वे अपने किराए के मकान तक सीमित हो गए, लेकिन वहां भी मकान मालिक द्वारा मकान खाली करने को कहा गया। 

मकान खाली करने के बाद वो सड़क पर आ गए। ऐसे में वापस आने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। उसके बाद राशन दुकानदारों ने उन्हें राशन देने से मना कर दिया साथ मे कमरे का बिजली-पानी को भी बंद कर दिया गया। ऐसे में उनके पास एक ही रास्ता बचा। ट्रेन, बस बंद होने के कारण वे 22 मार्च को अपने बचे खुचे सामान के साथ पैदल ही निकल पड़े।

रास्ते मे उनके पास बचे पैसे भी खत्म हो गए। कहीं-कहीं रास्ते में कुछ ग्रामीणों ने उन्हें खाने का सामान दिया। दिल्ली के सरकार द्वारा मदद की घोषणा देने की बात पूछने पर वापस लौटे लोगों ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की मदद की घोषणा सिर्फ झूठी है। कहीं भी मदद नहीं मिली। भूखे प्यासे खाने को भी बिहारी मोहताज हो रहे थे।

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