कोरोना वायरस संकट: महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी द्वारा बैठक बुलाए जाने पर शिवसेना ने जताया एतराज

By भाषा | Published: April 10, 2020 03:56 PM2020-04-10T15:56:43+5:302020-04-10T15:56:43+5:30

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. राज्य में अब तक 1380 मामले मिले हैं जबकि कोविड-19 से 97 लोगों की मौत हुई है. इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करने को लेकर शिवसेना एतराज जताया है.

coronavirus Shiv Sena objects to Governor Bhagat Singh Koshyari holding meeting on COVID-19 | कोरोना वायरस संकट: महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी द्वारा बैठक बुलाए जाने पर शिवसेना ने जताया एतराज

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsइस सप्ताह के प्रारंभ में राज्यपाल कोश्यारी ने जिलाधिकारियां के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की थीशिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में राज्यपाल कोश्यारी द्वारा बुलाए गए बैठक पर सवाल उठाया गया है

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाये जाने कदमों पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करने को लेकर सत्तारूढ़ शिवसेना ने शुक्रवार को यह कहते हुए आपत्ति जतायी कि ‘सामानांतर शासन’ से भ्रम पैदा होगा। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में संपादकीय में सत्तारूढ़ दल ने कोरोना वायरस संकट का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान युद्ध जैसी स्थिति में प्रशासन को निर्देश देने के लिए एकल कमान केंद्र होना चाहिए।

इस मराठी दैनिक में कहा गया है , ‘‘ प्रधानमंत्री, केंद्र और राज्य के मुख्यमंत्री (के पास वह अधिकार होनेा चाहिए।) बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बुलायी गयी बैठक में शिवसेना और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मोदी से कहा था कि पूरा देश इस वायरस का मुकाबला करने के लिए उनके नेतृत्व में एकजुट है।’’ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पवार ने मुम्बई में इस बैठक में हिस्सा लिया था।

संपादकीय में कहा गया है कि कोरोना वायरस स्थिति से निपटने को लेकर ठाकरे की प्रशंसा करते हुए पवार ने मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को राज्यपाल की भूमिका (उनके द्वारा बुलायी गयी बैठक) के बारे में बताया था। उसमें कहा गया है, ‘‘ वैसे तो कोई तल्खी नहीं है। लेकिन यदि कोई समानांतर सरकार चलाता है तो उससे भ्रम पैदा होगा। यदि पवार जैसे वरिष्ठ नेता ऐसा महूसस करते हैं तो इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’’ अखबार में कहा गया है कि राज्यपाल काम के प्रति अपने उत्साह को लेकर जाने जाते हैं क्योंकि अतीत में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और भाजपा कार्यकर्ता रह चुके हैं।

शिवसेना ने ताना मारा,‘‘ राज्य को ऐसा राज्यपाल मिला है जो किसी समयतालिका का पालन नहीं करते और लोगों ने तब यह अनुभव किया था जब उन्होंने देखा कि देवेंद्र फड़नवीस एवं अजीत पवार को (पिछले साल) तड़के शपथ दिलायी गयी।’’ संपादकीय में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार की आलोचना करने के लिए बार बार राजभवन का चक्कर काटने को लेकर भाजपा की भी आलोचना की गयी है। इस सप्ताह के प्रारंभ में कोश्यारी ने जिलाधिकारियां एवं संभागीय आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की थी। 

Web Title: coronavirus Shiv Sena objects to Governor Bhagat Singh Koshyari holding meeting on COVID-19

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