Rajasthan ki khabar: सीएम केजरीवाल के फैसले से राजस्थानी नाराज, कहा-दिल्ली किसी की निजी संपत्ति नहीं

By प्रदीप द्विवेदी | Published: June 8, 2020 07:20 PM2020-06-08T19:20:40+5:302020-06-08T19:20:40+5:30

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा था कि अब दिल्ली में दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का इलाज होगा, जबकि दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा.

Coronavirus lockdown Rajasthan jaipur angry over CM Kejriwal's decision, Delhi is not anybody's personal property | Rajasthan ki khabar: सीएम केजरीवाल के फैसले से राजस्थानी नाराज, कहा-दिल्ली किसी की निजी संपत्ति नहीं

सीएम केजरीवाल का कहना है कि जून के अंत तक 15 हजार कोरोना के मरीजों के लिए बेड की जरूरत होगी. (file photo)

Highlightsराज्यों के मजदूरों का तो दिल्ली के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए ऐसा निर्णय तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.उनका यह फैसला है कि दिल्ली के प्राइवेट-सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज होगा.संदर्भ में बताया गया कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली कैबिनेट ने यह फैसला लिया है.

जयपुरः सब इंसान बराबर हैं, चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों. हमें ऐसा भारत बनाना है जहां सभी धर्म और जाति के लोगों में भाईचारा और मोहब्बत हो, न कि नफरत और बैर हो, यह आदर्श विचार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्विटर एकाउंट पर दर्ज हैं, लेकिन इससे एकदम उलट उनका यह फैसला है कि दिल्ली के प्राइवेट-सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज होगा.

इस निर्णय के बाद राजस्थान सहित दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के लोगों में दिल्ली सरकार के प्रति खासी नाराजगी है. लोगों का कहना है कि एक तो दिल्ली किसी की निजी संपत्ति नहीं है और दूसरा यह कि हजारों लोग रहते भले ही यूपी, राजस्थान में हों, लेकिन दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, खासकर इन राज्यों के मजदूरों का तो दिल्ली के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए ऐसा निर्णय तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा था कि अब दिल्ली में दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का इलाज होगा, जबकि दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा.

इस संदर्भ में बताया गया कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली कैबिनेट ने यह फैसला लिया है. सीएम केजरीवाल का कहना है कि जून के अंत तक 15 हजार कोरोना के मरीजों के लिए बेड की जरूरत होगी. एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ये फैसला लिया है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा.

दिल्ली सरकार के इस फैसले ने राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में आप इकाइयों के लिए सियासी उलझन भी खड़ी कर दी है. भविष्य में चुनाव प्रचार के दौरान यह निर्णय आम आदमी पार्टी के लिए यक्ष-प्रश्न बन जाएगा. उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस संबंध में ट्वीट किया है- दिल्ली देश की राजधानी है. यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है इसलिए दिल्ली सरकार उसका इलाज नहीं होने देगी, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण. केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये!

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