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मध्य प्रदेश में लॉकडाउनः नरोत्तम मिश्रा बोले- अब नहीं, दुष्परिणाम देख चुके हैं, सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालिए

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: September 21, 2020 15:37 IST

मध्य प्रदेश में अब तक रविवार देर रात तक 105644 कोरोना के मामले आ चुके हैं. कल ही पूरे प्रदेश में कोरोना के 2579 नए मामले सामने आए थे। आज राजधानी भोपाल में सुबह तक कोरोना के 283 मामले आ चुके थे।

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ठळक मुद्देमिश्रा ने आज साफ किया कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है।यह चर्चा आम हो रही थी कि राज्य सरकार कोरोना नियंत्रण को लेकर फिर लाकडाउन लागने पर विचार कर रही है। अब सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालनी होगी।

भोपालः मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने आज साफ किया कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है।

सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालनी होगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अब तक रविवार देर रात तक 105644 कोरोना के मामले आ चुके हैं. कल ही पूरे प्रदेश में कोरोना के 2579 नए मामले सामने आए थे। आज राजधानी भोपाल में सुबह तक कोरोना के 283 मामले आ चुके थे।

प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना के मामलों को लेकर यह चर्चा आम हो रही थी कि राज्य सरकार कोरोना नियंत्रण को लेकर फिर लाकडाउन लागने पर विचार कर रही है। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए इन्ही चर्चाओं को लेकर  स्पष्ट किया कि सरकार का प्रदेश में दोबारा लाकडाउन लगाने का अभी कोई विचार नहीं है। लाकडाउन के दुष्परिणाम हम सभी देख चुके हैं। अत: अब सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालनी होगी।

कमलनाथ ने कहा जमीदारी प्रथा वापस लाना चाहती है मोदी सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कृषि विधेयकों  को लेकर, केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार तानाशाही तरीके से देश को चलाते हुए पुरानी जमींदारी प्रथा वापस लाना चाहती है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार के अध्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी व खेतिहर मजदूर विरोधी है। यह दिन इतिहास में काले दिवस के रूप में दर्ज होगा।कमलनाथ ने ट्वीट में कहा कि विधेयकों को लेकर ना किसानो की सहमति ली गयी ना अन्य राजनीतिक दलो से चर्चा की गयी।

कमलनाथ ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहाकि मोदी सरकार तानाशाही तरीके से देश को चलाना चाहती है।पुरानी जमींदारी प्रथा वापस लाना चाहती है। आपने कहा कि वादा किसानो की आय दोगुनी का किया था लेकिन भाजपा सरकार किसानो की रोजी- रोटी छिनना चाहती है।

कमलनाथ ने ट्वीट में कहा कि देश भर के किसानो की इस लड़ाई को कांग्रेस लड़ेगी। सदन से लेकर सड़क तक कांग्रेस किसानो के हित में इस काले कानून के विरोध में संघर्ष करेगी। कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए प्रदेश सरकार से पूछा कि शिवराज सरकार स्पष्ट करे कि वो किसानो के साथ है या इन किसान विरोधी काले कानून के साथ ? प्रदेश का किसान इस सच्चाई को जानता चाहता है कि कौन उसके साथ है और कौन किसान विरोधी काले कानून के साथ ?

टॅग्स :मध्य प्रदेशभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसशिवराज सिंह चौहानकमलनाथमध्य प्रदेश में कोरोना
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