बिहार में कोरोना का कहर, कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा-पूर्ण लॉकडाउन हो, कुल केस 12,000 के पार

By एस पी सिन्हा | Published: July 6, 2020 07:18 PM2020-07-06T19:18:59+5:302020-07-06T20:04:46+5:30

कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने पटना सहित राज्य के अनेक भागों में कोरोना संक्रमण के फैलते रफ्तार को चिंताजनक बताते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे राजधानी पटना सहित सभी कन्टोन्मेंट जोन वाले इलाकों में पूर्ण लॉक डाउन लगाने पर तत्काल विचार करें.

Coronavirus Bihar Congress Legislative Council Premchand Mishra complete lockdown total cases exceed 12,000 | बिहार में कोरोना का कहर, कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा-पूर्ण लॉकडाउन हो, कुल केस 12,000 के पार

अनलॉक 1 और अनलॉक 2 में दी गई ढील से उत्पन्न स्थिति ने संक्रमण बढ़ाने का काम किया है व सरकार ने हाथ खडे़ कर लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. (file photo)

Highlightsअनलॉक 1 और 2 में पटना की स्थिति बिगड़ती जा रही है. जहां 85 कंटोनमेंट जोन बनाना पड़ा है.राज्य में औसतन संक्रमित मरीजों की संख्या में लगभग 400-500 की वृद्धि होना चिंता को बढ़ाने वाला है.क्या संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए अब भी वह तबलीगी जमात को या प्रवासियों श्रमिकों को जिम्मेदार ठहराना चाहती है?

पटनाः बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा है. ऐसे में बढ़ते संक्रमण को लेकर बिहार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एकबार फिर टोटल लॉकडाउन किये जाने की मांग की है.

कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने पटना सहित राज्य के अनेक भागों में कोरोना संक्रमण के फैलते रफ्तार को चिंताजनक बताते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे राजधानी पटना सहित सभी कन्टोन्मेंट जोन वाले इलाकों में पूर्ण लॉक डाउन लगाने पर तत्काल विचार करें.

उन्होंने कहा कि अनलॉक 1 और 2 में पटना की स्थिति बिगड़ती जा रही है. जहां 85 कंटोनमेंट जोन बनाना पड़ा है और प्रायः प्रतिदिन राज्य में औसतन संक्रमित मरीजों की संख्या में लगभग 400-500 की वृद्धि होना चिंता को बढ़ाने वाला है व सरकार को बिना विलंब किये फिर से पूर्ण लॉक डाउन लगाने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.

लॉकडाउन व अनलॉक 1 और अनलॉक 2 में दी गई ढील से उत्पन्न स्थिति

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि सरकार बताये की क्या संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए अब भी वह तबलीगी जमात को या प्रवासियों श्रमिकों को जिम्मेदार ठहराना चाहती है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के द्वारा लॉकडाउन व अनलॉक 1 और अनलॉक 2 में दी गई ढील से उत्पन्न स्थिति ने संक्रमण बढ़ाने का काम किया है व सरकार ने हाथ खडे़ कर लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की बढ़ती चुनावी गतिविधियां, आम दिनों की भांति सरकारी गैर सरकारी कार्यालयों में काम काज तथा बाजारों में भीड़, परिवहन सेवाओं का अनियंत्रित होना व स्वास्थ्य सेवा की कमजोर एवं नाकाफी इंतजाम भी संक्रमण के खतरे को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है.

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि ऐसी सूरत में सरकार को कडे़ कदम उठाने चाहिए व संक्रमण रोकने हेतु हर संभव प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जिस तरह पटना में करीब 100 कंटोनमेंट जोन का बनना यह बताने को पर्याप्त है कि वह दिन दूर नही की राजधानी पटना सहित अन्य इलाके सामुदायिक संक्रमण के गिरफ्त में ना जाये.

बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है

यहां बता दें कि बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है. हर दिन सैकडों की संख्या में मरीजों का इजाफा हो रहा है. राज्य में अब आंकड़ा 12000 के पार चला गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अबतक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 12140 पर पहुंच गई है.

वहीं, कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के कारण कंटेनमेंट जोन भी बढ़ते जा रहे हैं. पटना जिले में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 83 पहुंच गई है. इस प्रतिबंधित क्षेत्र में 44 हजार 442 लोग रह रहे हैं. जिले में पहले 67 कंटेनमेंट जोन थे, जिसमें 16 का इजाफा हुआ है.

जिला प्रशासन ने जहां भी कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं, उसे प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है. वर्तमान समय में जो कंटेनमेंट जोन है उसमें पटना सिटी अनुमंडल क्षेत्र में 17, पटना सदर में 35 ,दानापुर में 17, मसौढ़ी में छह व पालीगंज में 8 जोन बनाए गए हैं. कंटेनमेंट जोन में अवस्थित घरों की कुल संख्या 9 हजार 850 तथा कंटेनमेंट जोन में वर्तमान समय 44 हजार 442 लोग रह रहे हैं.

दफ्तरों में संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाए किये जाने के लिए पत्र लिखा गया

इस बीच, कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए सचिवालय और इससे संबंधित दफ्तरों में संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाए किये जाने के लिए पत्र लिखा गया है. बिहार सचिवालय सेवा संघ की ओर से सरकार से 4 अपील किये गए हैं.

बिहार सचिवालय सेवा संघ की ओर से लिखे गए पत्र के मुताबिक सचिवालय और इससे संबंधित दफ्तरों में पहले जैसा ही मात्र 33 प्रतिशत कर्मचारियों को ही बुलाने की मांग की जा रही है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो सके. कर्मियों ने सभी दफ्तरों के भवनों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था की भी मांग की है.

बिहार सरकार के मुख्य सचिव सचिवालय सेवा संघ ने यह पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि सेक्रेटेरिएट ऑफिस के सभी एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाये. इसके अलावा सचिवालय भवन में स्थित शौचालयों की नियमित रूप से साफ-सफाई की जाये. बता दें कि कई विभागों के कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसके बाद यहां काम करने वाले अन्य कर्मचारियों में कोरोना को लेकर भय का महौल है. 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित अपडेट जारी की गई

उधर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित अपडेट जारी की गई . विभाग की ओर से जारी इस नियमित अपडेट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में राज्य के अंदर 2 और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही बिहार में अब तक 90 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो गई है.

अनलॉक-1 में कोरोना संकट के बीच पिछले महीने 40 लोगों की मौत हुई थी. सबसे ज्यादा राजधानी पटना में 12 लोगों की मौत हुई है. दरभंगा, नालंदा, रोहतास और सारण जिले में 5-5 मरीजों की मौत हुई है. इसके आलावा बेगूसराय, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर 4-4 लोगों ने दम तोड़ा है. भोजपुर, गया, खगड़िया, जहानाबाद, नवादा, सीतामढ़ी और वैशाली में 3-3 लोगों की मौत हुई है.

इसके साथ ही किशनगंज, मधुबनी, पश्चिमी चंपारण और सीवान में 2-2 मरीजों की जान कोरोना से गई है. वहीं, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर और शिवहर में 1-1 मरीज की मौत हुई है.

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