नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी मेडिकल उपकरणों से जीएसटी हटाई जाए।
उन्होंने ट्वीट किया, ''कोविड-19 के इस मुश्किल वक्त में हम लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस महामारी के उपचार से जुड़े सभी छोटे-बड़े उपकरण जीएसटी मुक्त किए जाएं।'' गांधी ने कहा कि बीमारी और ग़रीबी से जूझती जनता से सैनिटाइज़र, साबुन, मास्क, दस्ताने आदि पर जीएसटी वसूलना ग़लत है। इन सब को जीएसटी मुक्त करने की मांग पर हम डटे रहेंगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस, कोरोना के खिलाफ जरूरी मेडिकल उपकरणों को जीएसटी मुक्त करने की मांग के पक्ष में इन दिनों ट्विटर पर ''हैशटैग जीएसटी फ्री कोरोना'' अभियान भी चला रही है।
एफडीआई पर मेरी बात का संज्ञान लेने के लिए सरकार का धन्यवाद: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत की सीमाओं से लगे देशों से निवेश संबंधी नियमों में संशोधन किए जाने के बाद कहा कि उनकी बात का संज्ञान लेने के लिए वह नरेंद्र मोदी सरकार का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट का हवाला देते हुए कहा, ''मेरी ओर से आगाह किये जाने का संज्ञान लेने और एफडीआई के कुछ विशेष मामलों में सरकार की अनुमति अनिवार्य बनाने की खातिर नियमों में संशोधन करने के लिए सरकार का धन्यवाद करता हूं।''
गौरतलब है कि भारत की सीमाओं से लगे देशों की कोई कंपनी अथवा व्यक्ति भारत के किसी भी क्षेत्र में अब सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही निवेश कर सकेगा। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के एक बयान में यह कहा गया है।
डीपीआईआईटी ने बताया, ‘‘भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं। भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी यदि इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, तो ऐसे निवेश के लिये भी सरकार की मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।’’
इस पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''खुशी है कि सरकार ने विदशी नियंत्रण से हमारे कारपोरेट की सुरक्षा करने से जुड़े राहुल गांधी के सुझाव पर सकारात्मक कदम उठाया है। हम एफडीआई नीति में संशोधन का स्वागत करते हैं।''
उन्होंने कहा, ''हम आशा करते हैं कि सकारात्मक संवाद का सिलसिला जारी रहेगा।'' दरअसल, राहुल गांधी ने बीते रविवार ट्वीट कर कहा था, ''बड़े पैमाने पर आर्थिक सुस्ती ने कई भारतीय कॉरपोरेट जगत को कमजोर करके अधिग्रहण के लिए आकर्षक लक्ष्य बना दिया है। इस राष्ट्रीय संकट के समय सरकार को भारतीय कॉरपोरेट के ऊपर विदेशी नियंत्रण को अनुमति नहीं देनी चाहिए।"