परंपराओं को तोड़ सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों को बनाया चुनावी पर्यवेक्षक, गहलोत के पास केरल और बघेल को असम की जिम्मेदारी

By शीलेष शर्मा | Published: January 6, 2021 08:50 PM2021-01-06T20:50:35+5:302021-01-06T20:52:02+5:30

कांग्रेस ने असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों में चुनाव अभियान प्रबंधन एवं समन्वय के लिए कई वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है।

congress sonia gandhi appointed Chief Ministers as Electoral Supervisor ashok Gehlot Kerala and Baghel Assam's | परंपराओं को तोड़ सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों को बनाया चुनावी पर्यवेक्षक, गहलोत के पास केरल और बघेल को असम की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री बेहतर ढंग से चुनाव का संचालन कर सकते हैं क्योंकि उनके पास बेहतर अनुभव है।  (file photo)

Highlights मुकुल वासनिक, शकील अहमद खान को भी असम की ही जिम्मेदारी सौंपी गयी है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लुइज़िन्हो फेलेरो और जी परमेश्वरा के साथ केरल की जिम्मेदारी दी गयी है।बंगाल में बी के हरिप्रसाद, आलमगीर आलम, विजय इंदर सिंगला को पर्यवेक्षक के रूप में ज़िम्मेदारी दी गयी है। 

नई दिल्लीः कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पार्टी की पुरानी परम्पराओं को दरकिनार करते हुये पार्टी के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्रियों को चुनाव वाले राज्यों का पर्यवेक्षक बनाकर एक नयी शुरुआत की।

असम,केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिमी बंगाल के चुनावों के लिये उन्होंने पार्टी पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, उनके साथ मुकुल वासनिक, शकील अहमद खान को भी असम की ही जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लुइज़िन्हो फेलेरो और जी परमेश्वरा के साथ केरल की जिम्मेदारी दी गयी है। तमिलनाडु और पांडुचेरी में वीरप्पा मोइली, एम एम पल्लम राजू तथा पश्चिमी बंगाल में बी के हरिप्रसाद, आलमगीर आलम, विजय इंदर सिंगला को पर्यवेक्षक के रूप में ज़िम्मेदारी दी गयी है। 

सूत्रों के अनुसार सोनिया गाँधी के इस फैसले से पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता हैरत में हैं कि सोनिया ने आखिर क्यों मुख्यमंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी। इन नेताओं की दलील थी कि अहमद पटेल के न रहने से अनुभवहीन नेता सोनिया गाँधी को सलाह दे रहे हैं, यह फैसला उसी का नतीज़ा है।

दूसरी ओर पार्टी के महासचिव तारिक़ अनवर ने दलील दी कि जब भाजपा केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में लगा सकती है तो कांग्रेस क्यों नहीं। मुख्यमंत्री बेहतर ढंग से चुनाव का संचालन कर सकते हैं क्योंकि उनके पास बेहतर अनुभव है। 

भक्त चरण दास बने कांग्रेस के बिहार प्रभारी

कांग्रेस ने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को उनकी इस जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए भक्त चरण दास को यह दायित्व सौंप दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया गांधी ने गोहिल की इच्छा को स्वीकार करते हुए उन्हें बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया और दास को यह दायित्व सौंपा।

दास फिलहाल मिजोरम और मणिपुर के लिए भी पार्टी के प्रभारी हैं। वह बिहार के साथ पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों की जिम्मेदारी देखते रहेंगे। इससे पहले, गोहिल ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से उन्हें इस दायित्व से मुक्त करने और कोई ‘हल्की जिम्मेदारी’ देने का आग्रह किया है।

राज्यसभा सदस्य गोहिल ने ट्वीट किया था, ‘‘निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुज़ारिश कि है की मुझे कोई लाइट (हल्की) जिम्मेवारी दी जाए और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए।’’ उल्लेखनीय है कि हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को महज 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

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