राहुल गांधी ने किया हमला, कहा-देश के सामने गंभीर खतरा है और सरकार को पता ही नहीं कि वह क्या करना चाहती है...
By शीलेष शर्मा | Published: February 3, 2021 04:16 PM2021-02-03T16:16:28+5:302021-02-03T17:52:12+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को ‘एक फीसदी लोगों का बजट’ करार दिया और सवाल किया कि रक्षा खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं करके देश का कौन सा भला किया गया और ऐसा करना कौन सी देशभक्ति है?
नई दिल्लीः देश के सामने गंभीर खतरा है और सरकार को पता ही नहीं कि वह क्या करना चाहती है। चाहे चीन से पैदा हुये खतरे हो, किसानों की समस्या हो या फिर बर्बाद होती अर्थव्यवस्था, लेकिन मोदी सरकार अपने चुनिंदा उद्योगपतियों के हितों को संरक्षित करने में व्यस्त है। राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार की सोच और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये सरकार घेरा।
मीडिया से बात करते हुये राहुल गाँधी ने किसानों की तीनों क़ानूनों को वापस लेने की मांग का समर्थन करते हुये प्रधानमंत्री मोदी को दो टूक कहा कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं, सरकार को ही पीछे हटना पड़ेगा, बेहतर होगा कि सरकार आज ही पीछे हट जाये।
उन्होंने दिल्ली की सीमाओं की किले बंदी किये जाने की कड़ी आलोचना की और सरकार को सुझाव दिया वह क़ानूनों को वापस ले। किसानों को डराना, धमकाना समस्या का हल नहीं है। यह समय किसानों से बात करने का है।
चीन की घुसपैठ और उससे पैदा हालातों की चर्चा करते हुये राहुल ने कहा कि रक्षा बज़ट में कटौती कर चीन को आख़िर क्या संदेश दे रही है। ज़रूरत इस बात की है कि प्रधानमंत्री मोदी चीन को कड़ा और स्पष्ट संदेश दें।
आम आदमी के हाथों में सीधे पैसा दें ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके ,लघु और मध्यम उद्द्योगों को संरक्षण और मदद दी जाये ताकि रोज़गार उत्पन्न हों, यही ऐसा क्षेत्र है जो चीन को सही जबाब दे सकता है। राहुल का साफ़ विचार था कि आपूर्ति क्षेत्र में पैसा लगाने से अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी ,हमको माँग बढ़ानी होगी, यह तभी संभव है जब लोगों के हाथ में पैसा होगा।