राजस्थान में बोले राहुल गांधी, कहा-किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए, तो नरेंद्र मोदी कौन हैं?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 12, 2021 07:13 PM2021-02-12T19:13:14+5:302021-02-12T19:15:11+5:30

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया.

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राजस्थान के विभिन्न जिलों में किसान आंदोलन तेजी से असरदार होता जा रहा है.

Highlightsराहुल गांधी गंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे.शर्म की बात है, यह आंदोलन फैलेगा, यह आंदोलन किसानों से शहरों में फैलेगा.कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का किसान और मजदूर आने वाले दिनों में प्रधानमंमत्री को अपनी शक्ति दिखा देगा.

जयपुरः कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के पहले वाले सियासी तेवर के साथ राजस्थान दौरे पर हैं.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों की सीमा पर स्थित राजस्थान के विभिन्न जिलों में किसान आंदोलन तेजी से असरदार होता जा रहा है. राहुल गांधी ने विभिन्न जगहों पर आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा कि- किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए, तो नरेंद्र मोदी कौन हैं? उनका कहना था कि- कांग्रेस की यही कोशिश रही है कि खेती किसी एक हाथ में न जाए, लेकिन नए कृषि कानून में इसका उलट किया जा रहा है. 

राहुल ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि हम किसानों के साथ बात करना चाहते हैं, आप क्या बात करना चाहते हैं? कृषि क़ानूनों को निरस्त करें, किसान आपके साथ बात करेंगे. आप उनकी जमीन और भविष्य को छीन रहे हैं, ऐसे में आप उनसे बात करना चाहते हैं. पहले कानून वापस लें, फिर बात करें.

मोदीजी तीन कृषि कानून क्यों ला रहे हैं

यही नहीं, कृषि क़ानूनों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए राहुल कहते हैं कि- आपके लिए जो ये तीन कानून आए हैं, इनका लक्ष्य क्या है? मोदीजी इन्हें क्यों ला रहे हैं? इसे मैं आपको समझाऊंगा! खेती-किसानी दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है.

भारत की चालीस प्रतिशत जनता इस व्यापार को चलाती है. कांग्रेस की कोशिश रही है कि कृषि किसी एक के हाथ में न जाए. आजादी के बाद यही हमारा लक्ष्य रहा है कि इसमें चालीस प्रतिशत लोगों की भागीदारी रहे. तीन कृषि कानून क्या हैं? ये लोग कृषि के बिज़नेस को किसान, खेतिहर से छीनना चाहते हैं. केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि चालीस प्रतिशत लोगों का व्यापार दो-तीन लोगों के हाथ में चला जाए. वे अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बना रहे हैं.

क़ानूनों को बढ़ने नहीं देंगे

मैं आपको आश्वासन देता हूं कि इन क़ानूनों को बढ़ने नहीं देंगे. हम इन्हें रद्द करवाकर ही मानेंगे. उनका कहना था कि- इन क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन सिर्फ किसानों का नहीं है. किसानों ने तो अंधकार में रोशनी दिखाई है. किसान आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है और इसका दायरा अभी और बढ़ेगा. यह आंदोलन किसानों से शहरों में फैलेगा.

किसान महापंचायत में एक हल भेंट किया गया

इसलिए मैं नरेंद्र मोदी से कह रहा हूं कि उन्हें किसानों की बात सुन लेनी चाहिए. अंत में तो करना ही पड़ेगा. हिंदुस्तान के किसान, मज़दूरों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं? कानून तो वापस लेने ही पड़ेंगे. इसलिए कह रहा हूं कि- आज कानून वापस ले लो, ताकि देश आगे बढ़े, लेकिन प्रधानमंत्री जिद कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- राहुल गांधी को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस द्वारा पीलीबंगा, हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत में एक हल भेंट किया गया, क्योंकि वे राज्य में किसानों के साथ उनके संघर्ष में खड़े होने के लिए आए हैं!

‘‘प्रधानमंत्री मोदी आंदोलनरत किसानों को तीन विकल्प देने की बात करते हैं और ये तीन विकल्प हैं 'पहला भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या’.’’ गांधी ने कहा कि खेती से देश में करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। यह सिर्फ किसानों का नहीं, इसमें किसान हैं छोटे दुकानदार, मजदूर, व्यापारी, मंडी पल्लेदार व आढ़तिया व करोड़ों लोग हैं कृषि कार्य करते हैं.

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