मध्य प्रदेशकांग्रेस के दो मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बेंगलुरु में पुलिस ने धक्का-मुक्की की और उनके साथ मारपीट की गई. बागी विधायकों को बंधक बनाया गया है. यह आरोप गुरुवार को कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए लगाया.
तन्खा ने कहा कि बागी विधायकों को अगवा किया गया है, उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है. उन्होंने कहा कि इन विधायकों के इस्तीफे भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे जाते हैं, ये इस्तीफे किन और कैसे हालातों में लिखवाए गए होंगे, यह किसी को जानकारी नहीं है.
तन्खा ने कहा कि मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह बेंगलुरु में बागी विधायकों से मिलने गए थे, जहां पर पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और मारपीट भी की. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु पुलिस विधायकों को छोड़ना नहीं चाहती है, इसके चलते हम न्यायालय की शरण में जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने विधायकों को गिरफ्तार करके रखा है.
तन्खा ने इसे आपराधिक कृत्य बताया और कहा कि जब विधायक मनोज चौधरी के पिता मिलने पहुंचे तो उनसे बदतमीजी और साथ गए मंत्री से मारपीट कर उन्हें गिरफ्तार किया गया. तन्खा ने जीतू पटवारी के साथ बैंगलुरु पुलिस द्वारा किए गए व्यवहार का वीडियो भी जारी किया और कहा कि उनके साथ मारपीट तक की गई. तन्खा के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता भी इस पत्रकार वार्ता में उपस्थित रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव में बेंगलुरु पुलिस ने खराब बर्ताव किया. विधायकों के इस्तीफे की जांच की जानी चाहिए. जब पटवारी ने कुछ विधायकों को निकालने की कोशिश की तो उनके साथ मारपीट की गई.
अगवा कर ले जाया गया विधायकों को
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को अगवा करके रिसार्ट ले जाया गया है. कांग्रेस विधायक अपने परिवार के लोगों से नहीं मिल पा रहे हैं. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपते हैं, ये इस्तीफे किस स्थिति में लिए गए किसी को जानकारी नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष के पास संविधान और कानून में एक ही विकल्प है कि उन इस्तीफों की जांच हो.