CM नीतीश कुमार ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर को सौंपी नई जिम्मेदारी, छात्र व युवा विंग के साथ मिलकर बनाएंगे रणनीति
By एस पी सिन्हा | Published: October 21, 2018 06:00 PM2018-10-21T18:00:54+5:302018-10-21T18:06:27+5:30
सोशल मीडिया और आधुनिक तकनीक का चुनाव के समय प्रशांत किशोर जिस प्रकार से प्रयोग करते हैं, उसमें नौजवानों की सख्त जरूरत पडेगी और इसी को लेकर 22 अक्टूबर को बैठक की शुरुआत युवा नेताओं से ही करने वाले हैं।
बिहार में सत्तारूढ दल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को पार्टी की युवा विंग को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा है। चुनावी रणनीति में माहिर प्रशांत किशोर जदयू में शामिल होने के बाद 22 अक्टूबर को बैठक से अपनी पारी की शुरुआत करने वाले हैं। वह अभी पटना में हैं और सात सर्कुलर रोड(नीतीश कुमार के लिए आवंटित बंगला) को ही फिलहाल अपना ठिकाना बनाया है।
बताया जाता है कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के साथ बिहार में अपनी भूमिका तय करने की शुरुआत करेंगे। यह बैठक पार्टी के यूथ नेताओं के साथ होगी। प्रशांत किशोर ने अभी हाल ही में बापू सभागार में जदयू छात्रों का सम्मेलन हो रहा था तो उसमें भाग लिया था। सम्मेलन में उन्होंने युवाओं का जोश और गुस्सा भी देखा था क्योंकि उसी सम्मेलन में एक युवा ने नीतीश कुमार पर चप्पल फेंक दिया था।
सोशल मीडिया और आधुनिक तकनीक का चुनाव के समय प्रशांत किशोर जिस प्रकार से प्रयोग करते हैं, उसमें नौजवानों की सख्त जरूरत पडेगी और इसी को लेकर 22 अक्टूबर को बैठक की शुरुआत युवा नेताओं से ही करने वाले हैं। सात सर्कुलर रोड में होने वाले इस बैठक में पूरे प्रदेश से युवा जदयू के नेता भाग लेंगे। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार भी शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर ने दशहरा से पहले ही युवा विंग के विभिन्न जिलों के कुछ नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक की थी।
बताया जाता है कि प्रशांत किशोर की कोशिश होगी कि पहले पार्टी के छात्र विंग और युवा विंग के बीच एक समन्वय स्थापित किया जाये। प्रशांत की रणनीति के अनुसार अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी के सभी विंग की भूमिका अहम होगी। छात्र और युवा विंग जब तक संगठित नहीं होंगे तब तक पार्टी अपने सहयोगियों और विरोधियों के प्रति आक्रामक नहीं हो सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों और उपलब्धियों को आम जन तक पहुंचाने के लिए इनका भी इस्तेमाल किया जायेगा। हालांकि जानकारों का मानना है कि जहां तक प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी देने का सवाल है, नीतीश कुमार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। इसलिए उन्हें पहली जिम्मेदारी छात्र और युवा विंग की दी है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि जैसे-जैसे प्रशांत किशोर परिणाम देते जायेंगे। उनका कार्य क्षेत्र और जिम्मेदारी का दायरा भी बढता जायेगा। दूसरी तरफ प्रशांत किशोर भले ही पार्टी के उपाध्यक्ष बन गए हों, लेकिन उनकी पुरानी कम्पनी आईपीएसी के लोग भी किसी न किसी रूप में उनका हाथ बंटाते रहेंगे। दूसरी तरफ, प्रशांत किशोर ने एक लाख ऐसे युवकों को भी पार्टी से जोडने का लक्ष्य रखा है जिन्होंने किसी न किसी माध्यम से नीतीश कुमार से जुडने की इच्छा जताई है।
जानकार बताते हैं कि प्रशांत किशोर के साथ 2015 के विधानसभा चुनाव के समय बिहार में काम करने वाली कोर टीम के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। प्रशांत किशोर अपनी बैठक में आगे की रणनीति भी तय करेंगे। लालू की अनुपस्थिति के बावजूद तेजस्वी जिस प्रकार से युवाओं के बीच लोकप्रिय हुए हैं और विपक्ष के भी फिलहाल सर्वमान्य नेता की तरह स्वीकार किए जा चुके हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर के लिए तेजस्वी यादव सबसे बडी चुनौती हैं।
इसी से निपटने के लिए ही वो युवा जदयू पर सबसे पहले फोकस करने वाले हैं। प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के प्रमुख कार्यों को पार्टी के युवा नेताओं खासकर छात्र नेताओं के माध्यम से लोगों के बीच प्रचार-प्रसार तो करेंगे ही नीतीश कुमार की तरफ से आने वाले समय में नई योजनाओं के माध्यम से भी उन्हें अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश भी करेंगे। प्रशांत किशोर की कोशिश यह भी होगी कि जो युवा तबका नाराज बैठा है नीतीश कुमार से उसकी भी नाराजगी दूर हो सके।
पार्टी नेताओं की माने तो प्रशांत किशोर सोशल मीडिया के एक्सपर्ट हैं और पहले से उनके पास चुनावी रणनीति का लंबा अनुभव है। गुजरात, बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में वो काम कर चुके हैं और अधिकांश में उन्हें सफलता मिली है। इसलिए इस बार भी बिहार में पार्टी के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।