चिदंबरम का ट्वीट-ढोल की आवाज फीकी पड़ गई है, क्या वे कश्मीर के सेब उत्पादकों की आवाज़ सुनेंगे, वे प्याज उत्पादन करने वाले की सुनेंगे?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2019 08:45 PM2019-09-30T20:45:14+5:302019-09-30T20:45:14+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘ढोल की आवाज फीकी पड़ गई है। क्या सत्ता अब उन श्रमिकों के रोने की आवाज़ सुनेगी जिन्हें हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया गया है या जिनकी नौकरी छूट गई है? एक रिपोर्ट के मुताबिक सूरत के हीरा उद्योग में 1 लाख कामगार हैं।’’
आईएनएक्स मीडिया मामले में जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि सरकार को नौकरी से निकाले गए मजदूरों, प्याज का उत्पादन करने वाले किसानों और कश्मीर के सेब उत्पादकों की आवाज सुननी चाहिए।
तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने ट्विटर पर यह टिप्पणी पोस्ट की। उन्होंने कहा, ‘‘ढोल की आवाज फीकी पड़ गई है। क्या सत्ता अब उन श्रमिकों के रोने की आवाज़ सुनेगी जिन्हें हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया गया है या जिनकी नौकरी छूट गई है? एक रिपोर्ट के मुताबिक सूरत के हीरा उद्योग में 1 लाख कामगार हैं।’’
क्या वे प्याज उत्पादन करने वाले किसानों की आवाज़ सुनेंगे? किसान जिस मूल्य के हकदार हैं और उपभोक्ता जो वहन कर सकते हैं, उसके बीच सरकार संतुलन क्यों नहीं बना सकती? पढ़िए डॉ. अशोक गुलाटी को।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 30, 2019
चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘क्या वे कश्मीर के सेब उत्पादकों की आवाज़ सुनेंगे? यदि सब कुछ सामान्य है, तो पारंपरिक व्यापारी सेब खरीदने और परिवहन के लिए अपने ट्रकों को कश्मीर क्यों नहीं ले जा रहे हैं?’’ उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘ क्या वे प्याज उत्पादन करने वाले किसानों की आवाज़ सुनेंगे? किसान जिस मूल्य के हकदार हैं और उपभोक्ता जो वहन कर सकते हैं, उसके बीच सरकार संतुलन क्यों नहीं बना सकती? ’’
मैंने अपने परिवार को मेरी ओर से ट्वीट करने के लिए कहा है
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 30, 2019
ढोल की आवाज फीकी पड़ गई है। क्या सत्ता अब उन श्रमिकों के रोने की आवाज़ सुनेगी जिन्हें हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया गया है या जिनकी नौकरी छूट गई है? एक रिपोर्ट के मुताबिक सूरत के डायमंड इंडस्ट्री में 1 लाख वर्कर्स हैं