नई दिल्ली: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) सांसद कनिमोझी ने रविवार (9 अगस्त) को दावा किया कि चेन्नई एयरपोर्ट पर जब वह हिन्दी में नहीं बोल सकी, तब सीआईएसएफ (CISF) की एक अधिकारी ने उनसे पूछा कि ''क्या वह भारतीय हैं।'' इस बात पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी अपनी आपबीती सुनाई है। चिदंबरम ने कहा कि हिन्दी नहीं बोलने को लेकर उन्हें भी कई बार तंज मिला है और रोका-टोका गया है। चिदंबरम ने यह भी सलाह दी है कि आखिर हिन्दी वाले अफसर अंग्रेजी क्यों नहीं सीखते हैं?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 10 अगस्त को किए अपने ट्वीट में लिखा, चेन्नई एयरपोर्ट पर डीएमके सांसद कनिमोझी के साथ जो कुछ भी हुआ वह कुछ नया नहीं है। मैंने भी ऐसी चीजों का अनुभव किया है। मैंने भी ऐसे कई तंज सरकारी अफसरों, आम लोगों से सुने हैं जो मुझे फोन पर बातचीत या आमने-सामने की बातचीत के दौरान हिन्दी बोलने के लिए कहते हैं।''
चिदंबरम ने कहा, अगर केंद्र सरकार चाहती है कि हिन्दी-अंग्रेजी देश की सरकारी भाषा बने, तो सभी केंद्रीय कर्मचारियों को इन हिन्दी-अग्रेंजी दोनों भाषाओं में निपुण करना चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, जो नॉन-हिन्दी कर्मचारी होते हैं वो जल्द ही माहौल में ढलने के लिए बोलने लायक हिन्दी सीख जाते हैं। फिर हिन्दी बोलने वाले केंद्रीय अधिकारी क्यों नहीं ऐसा करते और अंग्रेजी बोलते?
पढ़ें DMK सांसद कनिमोझी का पूरा बयान
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, आज चेन्नई हवाईअड्डे पर जब मैंने सीआईएसएफ (CISF) की एक अधिकारी से कहा कि वह मुझसे तमिल या अंग्रेजी में बात करें क्योंकि मैं हिंदी नहीं जानती, तब उन्होंने मुझसे पूछा कि ‘क्या मैं भारतीय हूं’। ’
DMK सांसद कनिमोझी ने ‘हिंदी थोपना’ हैशटैग के साथ ट्विटर पर लिखा, मैं जानना चाहूंगी कि कब से भारतीय होना हिंदी जानने के समान हो गया है।'' इसके तत्काल बाद सीआईएसएफ ने उनसे इस घटना का पूरा ब्योरा मांगा। सीआईएसएफ ने ट्वीट किया, सीआईएएफ मुख्यालय से आपको शुभकामनाएं। हम आपके इस अरूचिकर अनुभव का गंभीरता से संज्ञान लेते हैं। कृपया हमें हवाईअड्डे का नाम, स्थान, घटना की तारीख और समय जैसी सूचनाएं भेजें, ताकि इस मामले में उपयुक्त कार्रवाई की जा सके।