पुस्तक विवाद: शिवाजी के वंशज उदयनराजे पर NCP का बड़ा आरोप, भाजपा के सामने टेक दिए घुटने
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 15, 2020 05:14 PM2020-01-15T17:14:15+5:302020-01-15T17:14:15+5:30
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि 17 वीं सदी के मराठा शासक के वंशज भोंसले के पास भाजपा के सामने घुटने टेकने के सिवा कोई विकल्प नहीं रह गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करने वाली एक पुस्तक पर उठे विवाद के बीच केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नहीं बोलने पर मंगलवार को अपने पूर्व सदस्य और भाजपा नेता उदयनराजे की आलोचना की।
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि 17 वीं सदी के मराठा शासक के वंशज भोंसले के पास भाजपा के सामने घुटने टेकने के सिवा कोई विकल्प नहीं रह गया है। शिवाजी महाराज के वंशज भोंसले पिछले साल भाजपा में शामिल होने से पहले राकांपा से लोकसभा सदस्य थे। वह उपचुनाव में सातारा सीट हार गये।
दिल्ली भाजपा के नेता जय भगवान गोयल की पुस्तक ‘ आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ की विपक्षी दलों ने चापलूसी की कोशिश करार देकर आलोचना की है। दिन में भोंसले ने इस पुस्तक की आलोचना की थी और कहा था कि दुनिया में किसी भी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं की जा सकती है।
उन्होंने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि केवल मराठा सम्राट को ही ‘जाणता राजा’ कहा जा सकता है। मलिक ने कहा,‘‘ उदयनराजे के पास भाजपा में शामिल होने के बाद उसके सामने हथियार डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने गोयल की निंदा नहीं की और न ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ कुछ बोला।’’
भोसले के ‘जाणता राजा’ बयान का हवाला देते हुए मलिक ने दावा किया कि पुस्तक से जुड़े मुल मुद्दे से ध्यान बंटाने के लिए इस शब्दावली को जानबूझकर उठाया जा रहा है। मलिक ने यह भी कहा कि राकांपा ने पवार के लिए इस शब्द का कभी इस्तेमाल नहीं किया, ये तो लोग ही थे जिन्होंने उन्हें ऐसा कहा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का यह बयान कि गोयल ने माफी मांग ली है और पुस्तक वापस ले ली गयी है, काफी नहीं है। उन्होंने मांग की कि लेखक को स्वयं यह बयान देना चाहिए। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के एक अन्य मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र अव्हाड ने शरद पवार के लिए ‘जाणता राजा’ उपाधि का बचाव किया और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर प्रहार किया।
अव्हाड ने कहा, ‘‘ कुछ लोग कहते हैं कि हम उनका (शरद पवार का) हाथ पकड़कर राजनीति में आये.... कुछ लोगों ने बस उनकी आलोचना कर सुर्खियों बटोरीं। हां, वह जाणता राजा हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों में महाराष्ट्र के सर्वांगीण विकास में पवार ने अधिकतम योगदान दिया है, इसलिये वह ‘जाणता राजा’ हैं।